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सरकार यह तय नहीं करेगी लोगों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।

राजस्‍थान हाई कोर्ट ने केन्द्र सरकार से गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए कहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी सुझाव दिया कि गोवध पर सजा को बढ़ाना चाहिए और यह सजा उम्रकैद तक होनी चाहिए।

सरकार यह तय नहीं करेगी लोगों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।

नई दिल्ली : राजस्‍थान हाई कोर्ट ने केन्द्र सरकार से गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए कहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी सुझाव दिया कि गोवध पर सजा को बढ़ाना चाहिए और यह सजा उम्रकैद तक होनी चाहिए। वहीं, इससे पहले हत्या के लिए पशुओं की खरीद-फरोख्त पर केन्द्र सरकार की ओर से बैन लगाने के बाद देशभर में शुरू विरोध प्रदर्शन के बीच खुद मोदी सरकार के एक मंत्री ने सरकार के फैसले को गलत बताया था। गृह राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा है कि किसी सरकार को यह तय नहीं करना चाहिए कि कौन क्या खाएगा। हत्या के लिए पशु बाजारों में मवेशियों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र के फैसले का विरोध करने के लिए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की ओर से केरल में खुलेआम एक बछड़ा काटने और बीफ फेट्स पर तमिलनाडु में छात्र की पिटाई के संबध में बुधवार को पूछे गए एक सवाल के जवाब में उनकी यह टिप्पणी आई है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार यह तय नहीं करती कि लोगों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।

मद्रास HC का पशु बिक्री नियम पर रोक
मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के मांस के लिए मंडी में पशुओं की खरीद फरोख्त पर रोक लगाने के फैसले पर रोक लगा दिया है। मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने पशुओं की खरीद और बिक्री पर केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन पर चार हफ्ते की रोक लगा दी है। कोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब देने को कहा है। दरअसल, मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच में केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के खिलाफ एक याचिक दायर की गई थी। इसमें कहा गया था खाने की पसंद व्यक्ति का बुनियादी हक है। मदुरै के ही एक वकील ने केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी।

केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने पशु बाजार में जानवरों को कत्ल करने के मकसद से होने वाली खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी है। अब मवेशी खरीदने वालों को एक हलफनामा देना होगा, जिसमें ये सुनिश्चित करना होगा कि बेचे जाने वाले जानवरों का कत्ल नहीं किया जाएगा। पर्यावरण मंत्रालय ने पशु क्रूरता निरोधक अधिनियम के तहत इस पर रोक लगा दी है। पशुओं के साथ होने वाली क्रूरता को रोकने के लिए ये पाबंदी लगाई गयी है। जानवर की खरीदने वाले को बताना होगा कि उसे मारने के लिए नहीं, बल्कि कृषि उद्देश्य के लिए खरीदा जा रहा है।

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