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आकाशीय बिजली गिरने से हुई 12 लोगों की मौत, जाने कैसे गिरती है बिजली और इससे बचने के उपाय

जयपुर में आमेर के किले पर आकाशीय बिजली गिरने की वजह से 12 लोगों की मौत हो गई। रविवार होने की वजह से वहां कई लोग घूमने और पिकनिक मनाने के लिए पहुंचे हुए थे

आकाशीय बिजली गिरने से हुई 12 लोगों की मौत, जाने कैसे गिरती है बिजली और इससे बचने के उपाय

आकाशीय बिजली गिरने से हुई 12 लोगों की मौत, जाने कैसे गिरती है बिजली और इससे बचने के उपाय

जयपुर:  जयपुर में आमेर के किले पर आकाशीय बिजली गिरने की वजह से 12 लोगों की मौत हो गई। रविवार होने की वजह से वहां कई लोग घूमने और पिकनिक मनाने के लिए पहुंचे हुए थे और इस दौरान वहां बारिश भी हो रही थी, लेकिन इसके बावजूद लोग आमेर की पहाड़ियों से नीचे नहीं उतरे और कुछ लोग सेल्फी लेने के लिए आमेर महल के वॉच टावर तक पहुंच गए।

ये लोग जब बारिश और आसमान में बिजली कड़कने के साथ सेल्फी ले रहे थे, उसी समय आसमान से बिजली नीचे गिरी और वॉच टावर पर चढ़े 12 लोगों की मौत हो गई। इस घटना में 30 लोगों के घायल होने की खबर है और बताया जा रहा है कि बिजली गिरने की वजह से कई लोग पहाड़ियों से नीचे गिर गए हैं, जिन्हें अब भी ढूंढने का काम हो रहा है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में भी बिजली गिरने से 40 लोगों की मौत हुई है

क्या होती है आकाशीय बिजली और कैसे गिरती है? 

बिजली चमकना एक प्राकृतिक क्रिया है। जब ज्यादा गर्मी और नमी मिलती है तो बिजली वाले खास तरह के बादल 'Thunder Clouds' बन जाते हैं और ये तूफान का रूप ले लेते हैं. इससे होता ये है कि जमीन की सतह से लगभग 8 से 10 किलोमीटर ऊंचे इन बादलों के नीचे वाले हिस्से में निगेटिव और ऊपर वाले हिस्से में पॉजिटिव चार्ज ज्यादा रहता है, लेकिन अगर इन दोनों के बीच ये अंतर कम हो जाए तो तेजी से होने वाला डिस्चार्ज बिजली कड़कने के रूप में सामने आता है। 

बादलों के बीच बिजली कड़कना एक प्राकृतिक क्रिया है और उससे कोई नुकसान भी नहीं है। नुकसान तो तब होता है जब बादलों से बिजली जमीन पर आती है। ऐसी स्थिति में एक साथ भारी मात्रा में ऊर्जा धरती के एक छोटे से हिस्से पर गिरती है और ये इंसानों के लिए जानलेवा होती है। 

अगर किसी इंसान पर सीधे बिजली गिरे तो वो बिजली के डिस्चार्ज चैनल का हिस्सा बन जाता है। सरल शब्दों में कहें तो इस स्थिति में वो इंसान बिजली के लिए शॉर्ट सर्किट का काम करता है। ऐसा तब होता है जब वो इंसान बिजली गिरने की जगह के एक या दो फुट के अंतर पर होता है।

बारिश के दौरान पेड़ के नीचे खड़े लोगों पर बिजली गिरने का ज्यादा खतरा होता है। इस घटना को 'साइड फ्लैश' कहते हैं। ऐसा तब होता है जब बिजली किसी व्यक्ति के नजदीक की किसी लंबी चीज पर गिरती है और करंट उससे होते हुए उस व्यक्ति तक पहुंच जाता है, लेकिन ये बात लोगों को पता नहीं होती और वो पेड़ के नीचे जाकर खड़े हो जाते हैं और बिजली की चपेट में आ जाते हैं। 

आकाशीय बिजली से बचने के उपाय

हम कुछ सावधानियां बरत कर इससे बच सकते हैं जैसे-

बारिश के दौरान अपने घरों के टीवी, रेडियो, कंप्यूटर जैसे उकरणों के पावर प्लग निकाल दें।

इससे बचने के लिए अपने घरों की छत पर लाइटनिंग स्ट्राइक लगवा सकते हैं। ये एक प्रकार का एंटीना होता है, जो बिजली गिरने के दौरान अर्थिंग का काम करता है और इस तरह की घटनाओं को रोकता है।

आसमान में बिजली कड़कड़ाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें। 

फर्श या जमीन पर नंगे पैर न चलें।

गलती से भी बारिश के दौरान पेड़ के नीचे और खुले मैदान में खड़े न हों। यदि आप बाइक अथवा कार से यात्रा कर रहे हैं, तो तुरंत किसी सुरक्षित जगह पर चले जाएं।

बिजली के खंभों और वृक्षों से दूर रहे।

धात्विक वस्तुओं से भी दूरी बनाए रखें। किसी जल स्त्रोत में तैर या नहा रहे है तो उससे निकल कर भूमि पर आ जाएं।

यदि आपके सिर के बाल खड़े हो रहे हो तो आपके आसपास खतरा हो सकता है, किसी अनहोनी से बचने के लिए अपने हाथों से बालों को ढ़क कर सिर को घुटनों में छुपा लें।

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