होम चीन को नहीं थी उम्‍मीद कि डोकलाम में उसकी आक्रामकता का भारत मजबूती से जवाब देगा

विदेश

चीन को नहीं थी उम्‍मीद कि डोकलाम में उसकी आक्रामकता का भारत मजबूती से जवाब देगा

यूरोपियन यूनियन (ईयू) का मानना है कि जिस तरह से सिक्किम के डोकलाम में भारत ने चीन को जवाब दिया है, उसकी उम्‍मीद चीन ने भी नहीं की थी। चीन को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि उसकी आक्रामकता के आगे भारत इतनी मजबूती से टिका रहेगा।

चीन को नहीं थी उम्‍मीद कि डोकलाम में उसकी आक्रामकता का भारत मजबूती से जवाब देगा

ब्रसेल्‍स। यूरोपियन यूनियन (ईयू) का मानना है कि जिस तरह से सिक्किम के डोकलाम में भारत ने चीन को जवाब दिया है, उसकी उम्‍मीद चीन ने भी नहीं की थी। चीन को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि उसकी आक्रामकता के आगे भारत इतनी मजबूती से टिका रहेगा। ईयू के उपाध्‍यक्ष का कहना है कि जिस तरह से भारत ने मजबूत तरीके से भूटान की सीमा की रक्षा करते हुए चीन को डोकलाम में सड़क बनाने से रोका है, उस बात से चीन ने उसकी उम्‍मीद बिल्‍कुल भी नहीं की थी।

चीन ने बोला दुनिया से एक झूठ यूरोपियन यूनियन संसद के उपाध्‍यक्ष राइसजार्ड सेजारनेकी ने एक आर्टिकल में न सिर्फ भारत की तारीफ की बल्कि चीन के एक झूठ को भी सामने लाकर रख दिया है। उन्‍होंने कहा कि चीन ने कभी भी अंतराष्‍ट्रीय समुदाय को इस बात का भरोसा नहीं दिलाया कि उसके आगे बढ़ने से किसी को कोई खतरा होगा और न ही चीन ने कभी भी अंतराष्‍ट्रीय वातावरण में शांति को आगे बढ़ाने के लिए कोई प्रयास किया। उन्‍होंने साफ-साफ कहा कि चीन एक ऐसी विदेश नीति का पालन कर रहा है जो अंतराष्‍ट्रीय नियमों में बाधा डालने वाली हैं। उन्‍होंने खास तौर पर डोकलाम से गुजरने वाली तीन देशों की राजनीतिक और सैन्‍य सीमा का जिक्र किया। उन्‍होंने कहा कि 16 जून को चीन की ओर से डोकलाम में एक सड़क बनाने का एकपक्षीय कदम उठाया गया जो कि भूटान के आर्मी कैंप की ओर जाती थी। भूटान ने चीन के इस निर्माण कार्य का विरोध किया लेकिन उसने कूटनीतिक माध्‍यमों का प्रयोग किया। चीन ने कभी भी इस बात की उम्‍मीद नहीं की थी कि भारत भूटान की संप्रभु अधिकारों की रक्षा के लिए इस तरह से आगे आएगा। चीन को नियमों का करना होगा सम्‍मान उनकी राय है कि चीन ने ऐसा करके सिर्फ एक जुंआ खेला और उसने सोचा था कि भूटान कभी भी सेना के जरिए उसका विरोध नहीं करेगा। चीन इस बात को मान चुका था कि इस सड़क का निर्माण कार्य एक हफ्ते के अंदर पूरा हो जाएगा और इसकी वजह से चीन को एक साफ रणनीतिक फायदा मिल गया। लेकिन सारी बातें चीन की योजना के मुताबिक नहीं हुईं। भूटान की सरकार के साथ सलाह लेने के बाद भारतीय सेना का कदम बढ़ाना और यथास्थिति बरकरार रखने पर जोर देना ऐसी बातें हैं, जिसकी उम्‍मीद चीन को कभी नहीं थी। उन्‍होंने अंत में लिखा है कि चीन को अब यह बात समझनी होगी कि इसकी आर्थिक और सैन्‍य तरक्‍की जरूर होनी चाहिए लेकिन इसे अंतराष्‍ट्रीय नियमों का सम्‍मान करना होगा।

नवीनतम न्यूज़ अपडेट्स के लिए Facebook, Twitter, व Google News पर हमें फॉलो करें और लेटेस्ट वीडियोज के लिए हमारे YouTube चैनल को भी सब्सक्राइब करें।

Most Popular

(Last 14 days)

-Advertisement-

Facebook

To Top