होम एकता व शान्ति के वातावरण में ही विश्व मानवता का विकास संभव - देश-विदेश के विचारकों व विद्वजनों का मत

राज्यउत्तर प्रदेश

एकता व शान्ति के वातावरण में ही विश्व मानवता का विकास संभव - देश-विदेश के विचारकों व विद्वजनों का मत

एकता व शान्ति के वातावरण में ही विश्व मानवता का विकास संभव - देश-विदेश के विचारकों व विद्वजनों का मत

एकता व शान्ति के वातावरण में ही विश्व मानवता का विकास संभव - देश-विदेश के विचारकों व विद्वजनों का मत

लखनऊ, 3 फरवरी। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, अशर्फाबाद कैम्पस द्वारा ऑनलाइन आयोजित दो दिवसीय ‘इण्टरनेशनल इण्टरफेथ हार्मनी कान्फ्रेन्स’ के दूसरे व अन्तिम दिन आज अपने सारगर्भित विचारों से धर्म का मर्म उजागर करते हुए कहा कि एकता व शान्ति के वातावरण में ही विश्व मानवता का विकास संभव है। सम्मेलन में आज विभिन्न देशों के विचारकों, विद्वजनों व धर्मावलम्बियों ने एक अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी ऑनलाइन उपस्थिति से सर्वधर्म समभाव का अनूठा आलोक बिखेरा। इससे पहले, दीप प्रज्वलन, स्कूल प्रार्थना, सर्व-धर्म प्रार्थना, प्रार्थना नृत्य एवं कव्वाली की शानदार प्रस्तुतियों के बीच सम्मेलन का विधिवत शुभारम्भ हुआ। सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि सी.एम.एस. अशर्फाबाद कैम्पस द्वारा आयोजित दो-दिवसीय इण्टरनेशनल इण्टरफेथ हार्मनी कान्फ्रेन्स में रूस, ब्राजील, अमेरिका, इजिप्ट, जर्मनी, युगांडा, आस्ट्रेलिया एवं भारत के प्रख्यात विचारकों ने प्रतिभाग किया। यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन ‘सस्टेनबल डेवलपमेन्ट थु्र रिलीजियस इन्क्लूसिविटी’ थीम पर आयोजित किया गया।

            सम्मेलन में चर्चा की शुरूआत करते हुए रूस की विचारक व दार्शनिक सुश्री नीना गोन्चोर्वा ने कहा कि प्रेम की भावना का विशिष्ट स्थान है और यह शान्ति व एकता स्थापित करने के लिए आवश्यक है। अहिंसा विश्वभारती संस्था के संस्थापक आचार्य लोकेश मुनि ने अपने संबोधन में कहा कि हमें बच्चों को तथा आपस में एक-दूसरे को भी अच्छे कार्यों के प्रोत्साहित तथा सशक्त बनाते रहना चाहिये, इससे चरित्रवान समाज का निर्माण होगा। जर्मनी के इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष श्री वैद्यनाथ दास का कहना था कि धर्म में खुलेपन की आवश्यकता है और धार्मिक समन्वय से ही समाज में एकता व शान्ति की स्थापना होगी। युगांडा के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री बी. जे. ओडोकी ने कहा कि धर्म इंसान को इंसान से जोड़ता है और इस भावना से भावी पीढ़ी को अवगत कराना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। इसी प्रकार आस्ट्रेलिया की सुश्री टी के गार्बो ने भी इस अवसर पर अपने सारगर्भित विचार रखे। इस प्लेनरी सेशन में देश-विदेश के विद्वजनों ने विभिन्न विद्यालयों के छात्रों, शिक्षकों व अन्य दर्शकों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया। प्लेनरी सेशन का संचालन सुश्री शगुफ्ता शोएब एवं सुश्री मासूमा रिजवी ने किया।

            सी.एम.एस. के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफीसर श्री रोशन गाँधी ने देश-विदेश के सभी विद्वजनों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ज्ञान का प्रकाश ही सामाजिक भ्रान्तियों को मिटाने में सक्षम है। इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के माध्यम से अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर विचार-विमर्श से जो मित्रता व सद्भावना का वातावरण निर्मित हुआ है, वह इसकी सबसे बड़ी उपलब्धि है और यही भावना भावी पीढ़ी में सौहार्द व भाईचारे के लिए प्रेरणास्रोत साबित होगी। सम्मेलन की संयोजिका एवं सी.एम.एस. अशर्फाबाद कैम्पस की प्रधानाचार्या श्रीमती तृप्ति द्विवेदी ने सभी के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। 

नवीनतम न्यूज़ अपडेट्स के लिए Facebook, Twitter, व Google News पर हमें फॉलो करें और लेटेस्ट वीडियोज के लिए हमारे YouTube चैनल को भी सब्सक्राइब करें।

Most Popular

(Last 14 days)

Facebook

To Top