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फीस वृद्धि ना करने के फैसले पर विचार करे सरकार और जल्द खुले स्कूल ,प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की मांग

फीस वृद्धि ना करने के फैसले पर विचार करे सरकार और ,जल्द खुले स्कूल ,प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की मांग

फीस वृद्धि ना करने के फैसले पर विचार करे सरकार और जल्द खुले स्कूल ,प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की मांग

लखनऊ, 2 फरवरी। आज ला मार्टिनियर गर्ल्स कॉलेज, हजरतगंज लखनऊ में अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन उत्तर प्रदेश की ओर से प्रेस वार्ता आयोजित की गई उक्त प्रेसवार्ता में विभिन्न बिंदुओं पर अपने विचार रखते हुए सरकार से तत्काल प्रभाव से विद्यालयों को सुचारू रूप से संचालित करने को कहा गया है,और कहा गया की निजी विद्यालयों में अत्यधिक दखलअंदाजी शिक्षा के स्तर को खराब कर रही है, कहा गया की मॉल, पार्क, रेस्टोरेन्ट आदि सब कुछ खुला है केवल विद्यालय को क्यों बंद किया गया है। शासन अपनी मर्जी से अपने कार्यक्रमों के लिए जब चाहे बच्चों को बुला लेता है लेकिन स्कूलों को खोलने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई लगातार प्रभावित होती जा रही है।

             उन्होने यह भी कहा की सरकार का  फीस वृद्धि ना होने के फैसला मंजूर नहीं निजी विद्यालय बढ़ाएंगे  इस बाए यू0पी0 फीस- रेगुलेशन एक्ट के अनुसार फीस एसोसिएशन ने कहा की शासन ने एक बार पता नहीं क्या सोच कर निर्णय लिया कि निजी विद्यालयों में फीस वृद्धि नहीं होगी ।इस फैसले पर निजी विद्यालयों में कार्यरत लाखों शिक्षक शिक्षिकाओं और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की जीविका आजीविका पर एक बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है। क्योंकि पिछले तीन वर्षों से फीस वृद्धि ना होने की दशा में उनके वेतन में वृद्धि नहीं पा पाई है। यहाँ उल्लेखनीय है कि सरकार ने अपने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों का वेतन और मंहगाई भत्त आदि बढ़ा दिया है किन्तु निजी स्कूलों में फीस की बढ़ोत्तरी को रोक कर निजी स्कूलों के शिक्षकों के साथ नाइंसाफी की जा रही है। इस बात को बहुत गंभीरता से और मानवीय दृष्टिकोण के आधार पर लेते हुए तत्काल इस निर्णय को निरस्त करने की आवश्यकता है।

            ऑनलाइन  शिक्षा पर उन्होने कहा की ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान बहुत बार ऐसा देखा गया है कि बच्चे क्लासेज नहीं करते, समय से उठते नहीं है, उनका पूरा रूटीन डिस्टर्ब रहता है। खराब नेटवर्क की वजह से कई बार बच्चों को टीचर की आवाज नहीं पहुंचती है। ऑनलाइन शिक्षा एक विकल्प है ना कि उसे पूरी तरह से एक क्लासरूम से रिप्लेस कर दिया जाए।ऑनलाइन कक्षाएं बच्चों के भविष्य को बर्बाद कर देंगी। पुनः एक बार हम लोग उम्मीद करते हैं कि शासन सन स्तर पर बच्चों के हित में निर्णय लेते हुए विद्यालयों को खोल दिया जाएगा।उक्त प्रेसवार्ता में विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाचार्य प्रबंध निदेशक प्रबंधकों और शिक्षक शिक्षाएं सम्मिलित हुए और सभी ने एक सुर में उक्त मांगों को स्वीकार करने की पुरजोर मांग उठाई।  

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