उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की डासना जिले के जेल में मेडिकल ऑफिसर ने 5000 कैदियों के एचआईवी टेस्ट के आदेश दिए थे, जिसमें 27 कैदी पॉजिटिव पाए गए। हालांकि, यह संख्या पिछले साल के मुकाबले कम है, पिछले साल 49 कैदी एचआईवी संक्रमित पाए गए थे। गाजियाबाद चीफ मेडिकल ऑफिसर (सीएमओ) एनके गुप्ता ने बताया कि एचआईवी से ग्रसित मरीजों को लगातार ट्रीटमेंट दिया जा रहा है।
मेरठ की चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में 10 बंदियों को एड्स
वहीं मेरठ की चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में 10 बंदियों को एड्स की पुष्टि हुई है, जिसमें से दो कैदी एक माह पूर्व ही एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं। हालांकि, उन सभी का मेरठ मेडिकल कॉलेज के ए.आर.टी सेंटर में इलाज चल रहा है। मेरठ के सीएमओ राजकुमार ने कहा कि कैदियों के ऊपर मुकदमा चल रहा है और जेल में आने से पहले ही ये लोग एचआईवी संक्रमित थे।
यूपी की जेलों में बंद 256 कैदी बंदियों को एड्स
गोरखपुर में पिछले दिनों 24 कैदी एचआईवी पॉजिटिव पाए गए थे। इसके बाद प्रदेशभर की सभी 70 जिलों में बंदियों का टेस्ट कराया गया। इसमें मेरठ गोरखपुर सहित बरेली ,इलाहाबाद ,लखनऊ, फैजाबाद ,आगरा, वाराणसी और कानपुर समेत कई जिलों में 256 कैदी बंदियों को एड्स की बीमारी पाई गई। जिसको लेकर मेरठ में भी बंदियों की जांच की गई तो मेरठ जेल में 10 बंदियों को इसकी पुष्टि हुई।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने यूपी सरकार को नोटिस जारी करते हुए विस्तृत रिपोर्ट मांगी
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने यूपी की योगी सरकार को एड्स के बढ़ते मामले पर नोटिस जारी किया है। कैदियों में बढ़ते एड्स के मामले को संज्ञान में लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने यूपी के मुख्य सचिव और जेल के आईजी को नोटिस जारी करते हुए विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने सरकार से कहा है कि मामले में 6 दिन के अंदर रिपोर्ट दाखिल करें और यह भी बताएं कि सरकार ने इसकी रोकथाम के लिए क्या कदम उठाया गया है।
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