
प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ के कुंडा के निर्दल विधायक रघुराज सिंह उर्फ राजा भैया के राजनैतिक जीवन में पदार्पण के 25 वर्ष पूरे होने पर रजत जयंती समारोह के दौरान शुक्रवार को नई राजनीतिक पार्टी के गठन का ऐलान किया।
कुंडा के बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया अब दलीय राजनीति में उतरने जा रहे हैं। लखनऊ में आवास पर राजा भैया ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा की जनता तक विचारों कों पहुँचाने के लिए इस पार्टी का गठन किया जा रहा है, पार्टी अभी तैयार नही है लेकिन प्रक्रिया चल रही है। राजा भैया ने कहा कि सभी दल एक ही तरह की राजनीति कर रहे हैं इसीलिए समाज में अपने विचारों को पहुंचाने के लिए नयी पार्टी बनाना जरूरी हो गया था।
राजा भैया ने शुक्रवार को लखनऊ में आयोजित प्रेस वार्ता में राजा भैया ने बताया कि चुनाव आयोग को तीन नाम भेजे गए हैं। राजा भैया ने बताया कि उनकी नयी पार्टी का नाम जनसत्ता दल होगा। उधर, राजा भैया ने प्रेस वार्ता में एससी-एसटी ऐक्ट को लेकर सवाल भी खड़े किए।
राजा भैया ने कहा कि -राजीव गांधी जी के समय एससी एसटी कानून आया जिसमें कई बदलाव आए हैं। जनता परेशान है लेकिन एससी एसटी पर विधान सभा और पार्लियामेंट में चर्चा नही हो रही है। पार्लियामेंट में एससी एसटी कानून में जो संसोधन हुआ वो न्यायसंगत नही है। दलित और गैर दलित के बीच मिलने वाली सरकारी सुविधाओं में भेदभाव हो रहा है, जिसका हम विरोध करेंगे। राजा भैया ने कहा कि जातीय आधार पर प्रमोशन के हमारी पार्टी खिलाफ है। योग्यता प्रमोशन का आधार होनी चाहिए। हमारी पार्टी नई है लेकिन भरोसा है कि हम अपने मुद्दों को लेकर जनता के बीच जगह बनाएंगे।
राजा भैया ने बताया कि लोकसभा चुनाव के दौरान एससी-एसटी ऐक्ट और आरक्षण में प्रमोशन का विरोध उनकी पार्टी का मुख्य मुद्दा होगा। प्रेस वार्ता में राजा भैया ने 30 नवम्बर को लखनऊ के रमाबाई मैदान में रैली आयोजित करने की भी जानकारी दी। माना जा रहा है कि इसी रैली के जरिए राजा भैया 2019 लोकसभा चुनाव का आगाज भी करेंगे।
उन्होंने शिवपाल यादव की नयी पार्टी के बारे में कहा कि -बहुत पार्टियां बनी हैं और आगे भी बनेंगी। उन्होंने कहा कि हम आशान्वित हैं क्योंकि हमारे मुद्दे जनता के मुद्दे हैं और हम उन्हें उठाते रहेंगे। इसके अलावा उन्होंने जनता के प्रति उन्हें दिए जाने वाले समर्थन के लिए धन्यवाद किया।
बताया जा रहा है कि राजा भैया द्वारा नई पार्टी के गठन के पीछे बीजेपी के शीर्ष नेताओं का ही इशारा है। तर्क है कि राजा राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं। वर्तमान में बीजेपी से पंगा लेना उनके लिए हितकर नहीं है। ऐसे में नई पार्टी का गठन कर जहां बीजेपी से नाराज वोट बैंक को थाम सकते हैं, वहीं ऐसे नेताओं को भी लामबंद कर सकते हैं जो एसपी और बीएसपी से नाराज चल रहे हैं।
चुनाव के बाद वह प्रत्यक्ष या फिर अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी के साथ जा सकते हैं। बीजेपी की पूरी कार्य योजना एसपी-बीएसपी के महागठबंधन की काट के लिए चल रही है। ऐसे में राजा भैया की पार्टी से मैदान में उतरे प्रत्याशी कई सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों की राह आसान कर सकते हैं।
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