होम GST से स्‍टूडेंट्स के लिए सबक, एजुकेशन पर भी पड़ा असर

देश

GST से स्‍टूडेंट्स के लिए सबक, एजुकेशन पर भी पड़ा असर

1 जुलाई से GST लागू हो गया है वैसे तो शिक्षा को GST के दायरे में नहीं रखा गया है, लेकिन देश के करोड़ों छात्रों और उनके अभिभावकों पर भी इसका काफी असर होगा |

 GST से स्‍टूडेंट्स के लिए सबक, एजुकेशन पर भी पड़ा असर

1 जुलाई से GST लागू हो गया है वैसे तो शिक्षा को GST के दायरे में नहीं रखा गया है, लेकिन देश के करोड़ों छात्रों और उनके अभिभावकों पर भी इसका काफी असर होगा |
आपको बता दें कि 12 जून को सरकार ने छात्रों को राहत देते हुए स्कूल बैग पर GST की दर 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दी है, वहीं बच्चों की पेंटिंग की किताबों पर कोई कर नहीं लेने का फैसला किया, जो पहले 12 फीसदी था लेकिन अब भी GST में बहुत ऐसे प्रावधान हैं, जिससे शिक्षा महंगी हो सकती है|

कोचिंग फीस महंगी
स्कूल, कॉलेज से कोचिंग का चलन पूरे देश में है, इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए देशभर में भारी संख्या में छात्र कोचिंग का सहारा लेते हैं, अब कोचिंग पर 15 फीसदी से बढ़कर 18 फीसदी GST लगेगा |

नॉन-कन्वेंशनल, सर्टिफिकेट कोर्स पर टैक्स
ट्रेडिशनल कोर्स, जैसे बीए, बीकॉम, बीएससी को नए टैक्स ढांचे के बाहर रखा गया है, लेकिन दूसरे नॉन-कन्वेंशनल कोर्स, सर्टिफिकेट कोर्स और ट्रेनिंग प्रोग्राम पर टैक्स की रेट 14% से बढ़कर 18% हो गयी है ऐसे में माना लीजिए कि किसी कंप्यूटर सर्टिफिकेट कोर्स के लिए आप 1 लाख रुपये फीस दे रहे हैं, तो आपको उस पर 1 जुलाई से 14 हजार की जगह 18 हजार रुपये टैक्स देना होगा, दूसरे देशों में शिक्षा हासिल करने और टेस्ट फीस पर भी GST लागू होगा |

कॉलेजों में दी जा रही सर्विस महंगी
GST का असर शिक्षा संस्थाओं में दी जाने वाली सर्विस पर भी होगा, ज्यादातर कॉलेज में ट्रांसपोर्टेशन, कैटरिंग, हाउसकीपिंग जैसी सर्विस थर्ड पार्टी से ली जाती हैं ऐसे में इन पर 15 फीसदी की बजाए अब 18 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा, जिससे ये महंगी हो गयी है | परन्तु नर्सरी से लेकर 12वीं तक ट्रांसपोर्टेशन, कैटरिंग, हाउसकीपिंग जैसी सर्विस GST के दायरे में नहीं हैं, लेकिन उच्च शिक्षण संस्थाओं, जैसे कॉलेज, यूनिवर्सिटीज में 18 फीसदी की ही दर से सर्विस टैक्स लगेगा |

मेस में खाना, कपड़े धुलाना महंगा
सिर्फ इतना ही नहीं, कॉलेज कैंपस में अगर कोई छात्र रह रहा है, तो उसे मेस, लाउंड्री और स्टेशनरी जैसी सर्विस की जरूरत तो पड़ती ही है, ऐसी सभी सर्विस महंगी हो गयी , क्योंकि टैक्स 15 फीसदी की बजाए 18 फीसदी लगेगा |

नवीनतम न्यूज़ अपडेट्स के लिए Facebook, Twitter, व Google News पर हमें फॉलो करें और लेटेस्ट वीडियोज के लिए हमारे YouTube चैनल को भी सब्सक्राइब करें।

Most Popular

(Last 14 days)

Facebook

To Top