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ना कैमरा पकड़ पाएगा ना दूरबीन, इस तकनीक का प्रयोग करते हुए अब अदृश्य हो जाएंगे सैनिक

आज हम अपने लेख में बताने जा रहे है एक ऐसा नेट जो सैनिको को  पूरी तरह से अदृश्य कर देगा। दुनिया भर में खतरनाक मिशन को पूरा करने के लिए हर देश अपने-अपने स्तर पर तैयारियां करते हैं। और नए नए तकनीक का उपयोग करते रहते है। इजरायल ने भी तकनीक का प्रयोग करके एक ऐसा नेट बनाया है जो सैनिको को सैनिको

ना कैमरा पकड़ पाएगा ना दूरबीन, इस तकनीक का प्रयोग करते हुए अब अदृश्य हो जाएंगे सैनिक

ना कैमरा पकड़ पाएगा ना दूरबीन :-

आज हम अपने लेख में बताने जा रहे है एक ऐसा नेट जो सैनिको को  पूरी तरह से अदृश्य कर देगा। दुनिया भर में खतरनाक मिशन को पूरा करने के लिए हर देश अपने-अपने स्तर पर तैयारियां करते हैं। और नए नए तकनीक का उपयोग करते रहते है। इजरायल ने भी तकनीक का प्रयोग करके एक ऐसा नेट बनाया है जो सैनिको को सैनिकों को पूरी तरह से दुश्मनों से अदृश्य कर सकता है। .

इस तकनीक का प्रयोग करते हुए अब 'अदृश्य' हो जाएंगे सैनिक :- 

इजरायल की कंपनी पोलारिस सॉल्यूशन्स ऐसे प्रॉडक्ट्स का निर्माण करती है जो युद्ध के दौरान सर्वाइव करने के काम आते हैं।  इस कंपनी ने इजरायल मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस के साथ मिलकर किट 300 शीट नाम के इस प्रॉडक्ट को तैयार किया है। ये एक थर्मल विजुएल कंसीलमेंट (टीवीसी) से बना पदार्थ है जिसमें माइक्रोफाइबर्स, मेटल और पॉलीमर का इस्तेमाल किया गया है।  इस प्रॉडक्ट का इस्तेमाल करने पर इंसानी आंखों को नहीं बल्कि थर्मल कैमरों के लिए भी किसी को भी देख पाना बेहद मुश्किल हो जाएगा। 

इस शीट का वजन सिर्फ 500 ग्राम है और कम वजन होने के चलते सैनिक आसानी से इसका इस्तेमाल कर सकते हैं और खतरनाक इलाकों में ट्रेकिंग के दौरान भी इसे ले जाया जा सकता है। सैनिक इसे अपने शरीर पर पहन सकते हैं जिससे ये एहसास होता है कि कोई इंसान नहीं बल्कि चट्टानों को रखा हुआ है। 

इजरायल की मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस में डिटेक्टर्स एंड इमेजिंग टेक्नोलॉजी के हेड गेल हरारी ने कहा कि अगर कोई बाइनाक्यूलर्स के सहारे दूर से भी इस शीट को पहने किसी सोल्जर को देखता है तो भी इन्हें देख पाना बहुत ज्यादा मुश्किल होगा।  ये किट वॉटरप्रूफ है और इसे इमरजेंसी हालातों में छोटे से टेंट के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। 

किट 300 के एक हिस्से को तब इस्तेमाल किया जा सकता है जब सैनिकों का मिशन हरे-भरे जंगलों में हो और इसके दूसरे हिस्से को रेगिस्तान जैसे क्षेत्रों में किया जा सकता है. इसके अलावा इसे स्ट्रेचर के तौर पर घायल सैनिकों को ले जाने के लिए भी किया जा सकता है। 

गौरतलब है कि इस किट को बनाने की प्रेरणा इजरायल की एक स्पेशल डिफेंस फोर्स यूनिट में काम करने वाले शख्स को मिली थी।  साल 2016 में लेबनान वॉर के दौरान उन्हें ये महसूस हुआ था कि थर्मल कैमरा और नाइट विजन कैमरों से बचने के लिए कोई तकनीक ईजाद करनी चाहिए। 

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