इलाहाबाद. ऐतिहासिक कुंभ नगरी इलाहाबाद का नाम अब बदलने जा रहा है, इसके लिए CM योगी आदित्यनाथ ने अपनी मंजूरी दे दी है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि CM योगी आदित्यनाथ ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है कि इलाहाबाद का नाम बदला जाएगा, इसका अब सिर्फ औपचारिक ऐलान होना बाकी रहा गया है। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद का नाम प्रयागराज बनाने का प्रस्ताव था, जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर लिया है।
कुंभ में फर्जी बाबा का पंडाल नहीं लगेगा -
वहीं जिस तरह से फर्जी बाबाओं के खिलाफ देशभर में एक मुहिम चल रही है, उस पर महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि फर्जी बाबाओं की पहचान की जा रही है। कुंभ में फर्जी बाबा का पंडाल नहीं लगेगा। उन्होंने कहा कि मुख्मयंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमें इस बात का आश्वासन दिया है कि कुंभ में फर्जी बाबा का पंडाल नहीं लगेगा।
फर्जी बाबाओं की एक लिस्ट जारी की -
नरेंद्र गिरी ने कहा कि फर्जी बाबाओं की पहचान की जा रही है और इनके खिलाफ जांच की जा रही है, जांच के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। नरेंद्र गिरी ने फर्जी बाबाओं की एक लिस्ट जारी की है, जिसमें से एक बाबा ने उल्टा अखाड़ा परिषद को नोटिस भेज दी है और दावा किया है कि नरेंद्र गिरी के खिलाफ कई मामले हैं और लोग इस बात को जानते हैं।
नोएडा और लखनऊ के बाद रहने के लिए सबसे अधिक योग्य शहर -
बता दें कि इलाहाबाद उत्तर प्रदेश का सबसे घनी आबादी वाला जिला है, जबकि सबसे ज्यादा आबादी के मामले में यह यूपी का सांतवा सबसे घनी आबादी वाला शहर है। यहां की कुल आबादी 1117094 है, जबकि जनसंख्या घनत्व 16000 किलोमीटर स्क्वायर है। इलाहाबाद को प्रयाग के नाम से भी जाना जाता है, जहां संगम के तट पर स्नान करने के लिए दुनिया भर के श्रद्धालु आते हैं। 2013 में इलाहाबाद को यूपी में सबसे बेहतर रहने योग्य शहर की श्रेणी में तीसरा स्थान हासिल हुआ था, इसे नोएडा और लखनऊ के बाद रहने के लिए सबसे अधिक योग्य शहर बताया गया था।
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