सहारनपुर. उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन बाबरी मस्जिद-रामजन्म भूमि मामले के मुख्य पक्षकार मौलाना हसबुल्लाह कासमी उर्फ बादशाह फैजाबादी ने मंगलवार को कहा कि अदालत उक्त मामले में जो रुख इख्तियार करेगी उससे भविष्य में आने वाले निर्णय के संकेत मिल जाएंगे। हमारे वकील बाबरी मस्जिद की कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। वही मौलाना हसबुल्लाह कासमी उर्फ बादशाह फैजाबादी ने सोमवार की शाम पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री श्री रवि शंकर का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ लोग बाबरी मस्जिद के नाम पर मुसलमानों को डराने, धमकाने भी लगे हैं। हिंदुस्तान जैसे अमनपसंद देश को सीरिया बनाने की धमकी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि यह वह लोग हैं जिन्हें देश की न्यायपालिका पर भरोसा नहीं है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जब से न्यायालय ने यह कहा है कि बाबरी मस्जिद-रामजन्म भूमि का मामला आस्था की बुनियाद पर नहीं बल्कि मिलकियत की बुनियाद पर सुना जाएगा तब से दूसरे पक्ष के होश उड़े हुए नजर आ रहे हैं और वह बौखलाकर डराने धमकाने पर उतर आए हैं।
उन्होंने केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार पर खुला हमला करते हुए कहा कि सरकार ऐसे मदरसों के जिम्मेदारों को डरा धमका कर राममंदिर का पक्ष लेने को मजबूर कर रही है जो मदरसे सरकारी मदद से संचालित हो रहे हैं। बादशाह फैजाबादी ने सवाल किया कि जब मुसलमानों की सभी तंजीमे यह कह रही हैं कि न्यायालय जो भी फैसला सुनाएगी उसे कुबूल किया जाएगा तो दूसरा पक्ष घबराया हुआ क्यों है। उन्होंने कहा कि अयोध्या मामले पर देश ही नहीं पूरी दुनिया के लोगों की निगाह है इसलिए संघी विचारधारा रखने वाली ताकतें उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन इस मामले को प्रभावित करने की कितनी भी कोशिश कर लें कामयाब नहीं हो सकते हैं। पक्षकार होने के नाते वह यह कह सकते हैं कि इस मामले में न्यायालय का फैसला आने में अभी लम्बा समय लग सकता है क्योंकि अभी तक सभी दस्तावेजों का अंग्रेजी अनुवाद नहीं हो सका है। जबकि न्यायालय में सभी दस्तावेज अंग्रेजी में पेश किए जाना जरूरी है। कहा कि न्यायालय के निर्देशानुसार कल (आज) हम अपने वकीलों के साथ कोर्ट में पेश होंगे, जिसके लिए सभी कानूनी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं।
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