राजधानी का सबसे बड़ा दून अस्पताल कर्ज में डूब गया है। अस्पताल पर लगभग पांच करोड़ रुपये का कर्ज हो गया है। बकाया ज्यादा होने के कारण पहले ही दवाओं की एलपी (लोकल पर्चेज) बंद हो चुकी है। अब पेट्रोल-डीजल का संकट भी गहराने लगा है।
सात लाख से अधिक बकाया होने के कारण पेट्रोल-डीजल सप्लायर ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। पंप संचालक ने 16 सितंबर तक भुगतान न होने पर्र इंधन की आपूर्ति ठप करने की चेतावनी दी है।
रोजाना करीब दो हजार मरीजों को उपचार देने वाले दून अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर सरकार लापरवाह बनी हुई है। करीब 17 करोड़ रुपये के सालाना बजट वाले अस्पताल को मौजूदा वित्तीय वर्ष में अब तक महज 2.15 करोड़ रुपये की धनराशि ही मिल पाई है। बजट न मिलने के कारण अस्पताल की तमाम व्यवस्थाएं गड़बड़ाने लगी हैं।
बकाया ज्यादा होने के कारण एलपी सुविधा पहले ही बंद हो चुकी है। सप्लायर ने भुगतान न होने तक लोकल परचेज से साफ इंकार कर दिया है। दूसरी ओर पंप संचालक ने भी 16 से पेट्रोल-डीजल न देने की चेतावनी दे दी है। पंप संचालक ने साफ कहा है कि 16 सितंबर तक भुगतान न होने पर वह सप्लाई नहीं कर सकेगा।
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