
Trump Tariff Bomb: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वैश्विक व्यापार को झटका देते हुए 21 देशों पर नए आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने की घोषणा की है। इनमें से 6 देशों पर ताज़ा शुल्क लागू किया गया है, जबकि बाकी पर पहले ही ऐलान हो चुका था। ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर एक के बाद एक टैरिफ लेटर शेयर करते हुए साफ कर दिया कि 1 अगस्त 2025 से ये शुल्क लागू होंगे, और इसमें कोई छूट नहीं मिलेगी।
ब्राजील पर सबसे ज्यादा असर, 50% टैरिफ
ट्रंप की इस नीति का सबसे बड़ा शिकार ब्राजील बना है, जिस पर 50% आयात शुल्क लगाया गया है। इसके पीछे एक राजनीतिक कारण भी सामने आया है—ट्रंप के करीबी और ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो के खिलाफ चल रही कानूनी कार्रवाई से ट्रंप नाराज़ बताए जा रहे हैं।
इन देशों पर लगाया गया नया शुल्क:
देश | टैरिफ (%) |
---|---|
ब्राजील | 50% |
लीबिया | 30% |
इराक | 30% |
श्रीलंका | 30% |
अल्जीरिया | 30% |
मोल्दोवा | 25% |
ब्रुनेई | 25% |
इसके अलावा ट्रंप ने इंपोर्टेड कॉपर पर भी 50% टैरिफ, और फार्मास्यूटिकल उत्पादों पर 200% तक शुल्क लगाने की घोषणा की है।
BRICS देशों पर भी चेतावनी
ट्रंप ने BRICS देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) को भी सीधे चेतावनी दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि इन देशों ने अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने की साजिश की और किसी अन्य करेंसी को वैश्विक मानक बनाने की कोशिश की। ट्रंप ने कहा, "कोई भी देश इस मामले में छूट नहीं पाएगा। हम ऐसे प्रयासों को बर्दाश्त नहीं करेंगे।"
भारत का नाम भी ट्रंप के निशाने पर है। उन्होंने स्पष्ट किया कि BRICS से जुड़ी नीतियों के चलते भारत पर भी अतिरिक्त टैरिफ लगाया जा सकता है।
"1 अगस्त से कोई रियायत नहीं" – ट्रंप
ट्रंप ने अपने पोस्ट में कहा, "1 अगस्त से हर देश को टैरिफ देना होगा। कोई रियायत नहीं मिलेगी।" उन्होंने पहले जापान, कोरिया, और अन्य एशियाई देशों पर भी शुल्क लगाया था। अब उन्होंने अफ्रीका, मध्य-पूर्व और दक्षिण अमेरिका के देशों को भी इस दायरे में ले लिया है।
क्या है उद्देश्य?
ट्रंप की इस रणनीति के पीछे अमेरिका के वैश्विक व्यापार में वर्चस्व को बनाए रखना और डॉलर की स्थिति को मजबूत करना बताया जा रहा है। इसके अलावा यह कदम अमेरिकी नौकरियों और घरेलू उद्योगों को संरक्षण देने की दिशा में भी देखा जा रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप की इस आक्रामक टैरिफ नीति से वैश्विक व्यापारिक माहौल में अनिश्चितता और कूटनीतिक तनाव गहराने की संभावना है। भारत सहित BRICS देशों पर यदि अतिरिक्त शुल्क लगाया गया, तो इसका सीधा असर निर्यात, व्यापारिक रिश्तों और बहुपक्षीय सहयोग पर पड़ सकता है। आने वाले महीनों में यह देखना अहम होगा कि भारत इस संभावित टैरिफ संकट से कैसे निपटता है।
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