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जय जगत एवं विश्व एकता का विचार इस युग की सबसे बड़ी आवश्यकता है!

जय जगत एवं विश्व एकता का विचार इस युग की सबसे बड़ी आवश्यकता है!

जय जगत एवं विश्व एकता का विचार इस युग की सबसे बड़ी आवश्यकता है!

- डा. जगदीश गांधी, शिक्षाविद् एवं संस्थापक-प्रबन्धक,

सिटी मोन्टेसरी स्कूल (सी.एम.एस.), लखनऊ

            महात्मा गांधी ही थे जिन्होंने एक महान समाज सुधारक की भूमिका के साथ ही ‘जय जगत’ का नारा भी लगाने का महान दायित्व निभाया था। सीएमएस में विनोबा भावे और हमने इस नारे को अपने स्कूल का आदर्श वाक्य बना लिया है। वसुधैव कुटुंबकम (पूरी पृथ्वी एक परिवार है) की भावना से प्रेरित होकर, हम आज भारत भूमि की महान आध्यात्मिकता और सत्य (सत्य), अहिंसा (अहिंसा) और त्याग (आत्म-बलिदान) के मूल्यों से सशक्त हैं। जिसने एक विश्व, एक मानवता में हमारी आस्था को मजबूत किया है। ये वे मूल्य ही हैं जिन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों को भारत की आजादी के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया और आज भी, जब हम एक स्वतंत्र देश हैं, ये मूल्य हमें शांति, प्रगति और समृद्धि की ओर ले जाते हैं।

            सीएमएस शिक्षा इस विश्वास पर आधारित है कि ‘प्रत्येक बच्चा संभावित रूप से दुनिया की रोशनी है’ और यही कारण है कि शिक्षा इतनी महत्वपूर्ण है। एक प्रबुद्ध और शांति प्रिय बच्चा दुनिया को रोशन कर सकता है और अज्ञानता के अंधेरे को दूर कर सकता है जबकि एक अनपढ़ बच्चा केवल क्रोध, घृणा, ईर्ष्या फैलाएगा और दूसरों को चोट भी पहुंचा सकता है या अपूरणीय क्षति पहुंचा सकता है। एक बच्चे के रूप में, मैं हमेशा महात्मा गांधी की शिक्षाओं और जीवन से अपने को प्रेरित महसूस करता हूं और इसलिए, मैंने अपना सरनेम बदलकर गांधी रख लिया। सिटी मोंटेसरी स्कूल महात्मा गांधी की शिक्षाओं और उनके द्वारा प्रचारित प्रेम, करूणा और भाईचारे के सार्वभौमिक मूल्यों का पालन करता है।

            हमारे विद्यालय की प्रेम, एकता, शांति और न्याय पर आधारित कुछ गतिविधियाँ इस प्रकार हैं:- सीएमएस हर साल विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 पर आयोजित करता है। यह अनुच्छेद 51 कहता है कि राज्य प्रयास करेगा (ए) अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देना, (बी) राष्ट्रों के बीच उचित और सम्मानजनक संबंध बनाए रखें, (सी) अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति सम्मान को बढ़ावा देना और (डी) मध्यस्थता द्वारा अंतरराष्ट्रीय विवादों के निपटारे को प्रोत्साहित करना।

            विगत 23 वर्षों में इन सम्मेलनों में विश्व के लगभग सभी देशों का प्रतिनिधित्व हुआ है। दौरे पर आए मुख्य न्यायाधीशों और न्यायाधीशों, राष्ट्राध्यक्षों और विभिन्न देशों के वक्ताओं ने सर्वसम्मति से विश्व एकता, विश्व संसद और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के गठन के लिए मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की है। ग्लोबल वार्मिंग और पारिस्थितिक असंतुलन को रोकने, मानवाधिकारों को बनाए रखने, अन्याय और युद्धों को रोकने और एक बेहतर विश्व समाज और दुनिया के 2.5 अरब बच्चों और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने के लिए पर्यावरण के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य कानूनों के लिए आवाज उठाई गई है। पनामा की न्यायाधीश महोदया ग्रेसिएला डिक्सन ने इनमें से एक सम्मेलन में घोषणा की, ‘हम न्यायाधीश वास्तविकताओं को बदल सकते हैं।’

            सीएमएस प्रतिवर्ष विभिन्न शैक्षिक विषयों पर लगभग 26 अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम/प्रतियोगितायें आयोजित करता है जिसका उद्देश्य (ए) छात्रों के ज्ञान को बढ़ाना और (बी) स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के माध्यम से वैश्विक मंच पर विचारों के आदान-प्रदान द्वारा शांति और एकता का माहौल बनाना और देशों के बीच आपसी समझ पैदा करना है। ये शैक्षिक आयोजन/प्रतियोगितायें विभिन्न देशों के छात्रों के बीच इतने लोकप्रिय हो गए हैं कि वे इनमें भाग लेने, दोस्त बनाने और पुरस्कार जीतने के लिए बहुत ही उत्सुकता से उत्साहित रहते हैं।

            सीएमएस शांति और एकता मार्च का आयोजन करता है जिसमें छात्र और शिक्षक भाग लेते हैं। वे अपने हाथों में युद्ध रोकों, विश्व एकता समय की आवश्यकता है’, शांति प्रकाश है - युद्ध अंधकार है, पृथ्वी बचाएं, संसाधनों का संरक्षण करें, चरित्र के बिना शिक्षा बेकार है, जैसे नारे लगाते हुए तख्तियां लहराते हैं। जब अयोध्या में संघर्ष (बाबरी मस्जिद मुद्दे पर) हुआ और धार्मिक दंगों का खतरा था, तो लखनऊ के कोने-कोने में सीएमएस के छात्रों द्वारा ये शांति मार्च समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने में एक प्रमुख कारक थे। लखनऊ में किसी भी मोहल्ले में दंगा या हिंसा नहीं हुई, हालांकि देश के अन्य हिस्सों में स्थिति बेहद अस्थिर और परेशान करने वाली थी।

            सीएमएस का प्रत्येक समारोह, चाहे वह वार्षिक अभिभावक दिवस हो या मुख्य न्यायाधीशों का सम्मेलन, सर्वधर्म प्रार्थना से शुरू होता है जिसमें हिंदू धर्म, इस्लाम, बौद्ध धर्म, ईसाई धर्म, सिक्ख धर्म और बहाई धर्म जैसे विभिन्न महान धर्मों में सर्वशक्तिमान ईश्वर के आशीर्वाद का आह्वान किया जाता है। सर्व-धर्म प्रार्थना में बच्चे विभिन्न महान धर्मों के अनुयायियों की वेश-भूषा में भूमिका निभाते हैं और पृष्ठभूमि में संगीत और मल्टीमीडिया के साथ प्रार्थना की जाती है। इस तरह बच्चे सीखते हैं कि सभी धर्म समान आध्यात्मिकता सिखाते हैं, भले ही रीति-रिवाज अलग-अलग हों। मानव जाति की शांति, एकता,  धर्मों की एकता और ईश्वर की एकता के विचार को इस सर्व-धर्म प्रार्थना में मजबूत प्रतिनिधित्व मिलता है।

            संयुक्त राष्ट्र ने मानवता की प्रगति के लिए सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) दिए हैं। सीएमएस गतिविधियों में इन लक्ष्यों की पूर्ति की दिशा में काम करना शामिल है। सीएमएस विश्व नागरिकता के प्रशिक्षण की वकालत करता है। बीमारी और गरीबी से मुक्त एकजुटता और शांतिपूर्ण विश्व समाज के लिए स्वच्छता अभियान, साक्षरता परियोजनाएं, वृक्षारोपण, मिट्टी संरक्षण, जल संचयन, पोस्टर बनाना, नारा प्रतियोगिता, बहस और चर्चा जैसी सतत विकास के लिए परियोजनाएं शुरू की जाती हैं।

            ‘पृथ्वी पर शांति बनी रहे’ का यह मंत्र सीएमएस की विश्व शांति प्रार्थना जबरदस्त होता है। एक गहरी शांति पृथ्वी पर उतरती है, मानो स्वर्गदूत गा रहे हों, पृथ्वी पर शांति हो, सभी मनुष्यों के लिए सद्भावना हो। सीएमएस, विश्व शांति प्रार्थना प्रत्येक कार्यक्रम की शुरूआत में समस्त मानवता की भलाई के लिए प्रार्थना के साथ आयोजित की जाती है। बच्चे विभिन्न देशों और महाद्वीपों के लोगों की वेशभूषा धारण करते हैं और पृथ्वी के सभी देशों में शांति और सद्भाव के लिए प्रार्थना करते हैं। इन विश्व शांति प्रार्थनाओं में शामिल होने वाले सभी देशों के झंडों के साथ विश्व नागरिकों को सफेद पोशाक में विभिन्न चिन्हों, देशों के राष्ट्रीय ध्वजों को विश्व शान्ति की प्रार्थना में मंच पर दिखाया जाता है।

            सीएमएस में विभिन्न महत्वपूर्ण संयुक्त राष्ट्र दिवस मनाये जाते हैं जो सभी विश्ववासियों को एक लक्ष्य पर एक साथ लाता है जैसे विश्व पर्यावरण दिवस, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, विश्व जल दिवस, विश्व शांति दिवस, मानवाधिकार दिवस, हिरोशिमा दिवस, अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस इत्यादि। ये अंतर्राष्ट्रीय दिवस विश्व एकता और विश्व शांति की ओर ले जाने के साथ ही विश्वव्यापी दृष्टिकोण ओतप्रोत विशिष्ट उद्देश्यों के लिए काम करने के लिए जागरूकता पैदा करते हैं।

            सीएमएस राष्ट्रों के बीच अंतर सांस्कृतिक मित्रता और दीर्घकालिक वैश्विक समझ को बढ़ावा देने के लिए चिल्डेªन इंटरनेशनल समर विलेजेज (सीआईएसवी) शिविर का आयोजन प्रतिवर्ष लखनऊ में करता है। साथ ही विभिन्न देशों में चिल्ड्रेन इंटरनेशनल समर विलेजेज शिविरों में अपने छात्र दलों को भेजता है। एक माह चलने वाले इन शिविरों में भाग लेने वाले बच्चे बड़े होकर विश्व शांति और विश्व एकता के दूत बनते हैं।

            विश्व भर के बच्चे अभूतपूर्व एवं मौलिक प्रतिभा के समूह हैं जो नए विचारों को प्राप्त करने और उनका अभ्यास करने के लिए तैयार और उत्सुक हैं। महान विचारक सर विक्टर ह्यूगो ने कहा, ‘दुनिया की सभी सेनाओं से अधिक मजबूत एक चीज है, और वह एक विचार है जिसका समय आ गया है।’ आज का वह विचार विश्व एकता, शांति और न्याय का है। सीएमएस बच्चों की विश्व संसद का आयोजन अपने प्रत्येक शैक्षिक कार्यक्रम में मंच पर करता है जहां बच्चे विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों के रूप में तैयार होते हैं और अपने देशों में होने वाली समस्याओं के बारे में बात करते हैं। वे वैश्विक मुद्दों पर भी अपने देश के लिए स्टैंड लेते हुए अपनी राय रखते हैं। इसी तरह, माडल यूनाइटेड नेशंस (एमयूएन) सेमीनार में वर्तमान के ज्वलंत विषयों और उनके शांतिपूर्ण समाधानों पर बहस और चर्चा होती है।

            सीएमएस मूट वर्ल्ड कोर्ट आफ जस्टिस का भी आयोजन करता है जहां मामलों को वास्तविक अदालतों की तरह रखा जाता है और फैसले दिए जाते हैं। ये वैश्विक प्रयास समग्र रूप से मानवता की सेवा करना और यह देखना है कि सभी के साथ न्याय हो और विश्व में शांति बनी रहे। इन आयोजनों में अपनी वैश्विक भूमिकाएँ निभाते समय बच्चों को मानवता के कल्याण के प्रति दृढ़ता और दृढ़ विश्वास से ओतप्रोत देखना आश्चर्यजनक कर देने वाले दृश्य होते हैं। आइए, हम विश्व की शांति और विश्व के 2.5 अरब बच्चों के भविष्य के लिए प्रार्थना करें ताकि उन्हें एक स्वस्थ, साफ-सुथरी, हरी-भरी, युद्ध रहित, सुरक्षित तथा जीवन से समृद्ध पृथ्वी विरासत में मिल सके।

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