लखनऊ : पूरे विश्व में भारत अपने संस्कारों व संस्कृति के लिए हमेशा प्रचलित में रहा है। भारत ही एक ऐसा देश जॅहा सिर झुकाकर चरण वन्दन करने के संस्कार निहित है। आशीर्वाद लेना और देना हमारे भारत की प्राचीन परम्परा है। सबसे पहले घर के बच्चों को पैर छूकर अपने बड़ों को सम्मान करना सिखाया जाता है। बच्चा हो जवान हो या फिर बुजुर्ग सभी अपनों से बड़े लोगों के पैर छूकर सम्मान करते है और उसके बदले में उन्हें आशीर्वाद रूपी प्रसाद प्राप्त होता है। जब कोई महिला दोनों हाथों से बड़ों के पैर छूती है (अर्थात पांव का अंगूठा) वह न केवल आशीर्वाद लेती बल्कि इसके वैज्ञानिक लाभ भी उतने ही हैं। दोनों हाथों से चरण स्पर्श करना ही सही विधि है जिसका हमें लाभ मिलता है |
रामचरित्र मानस में जब रावण मृत्यु के करीब था तो प्रभु श्री राम जी ने अपने अनुज लक्ष्मण को उनसे कुछ महत्वपूर्ण ज्ञान की प्राप्ति के लिए रावण के पास भेजा और लक्ष्मण ने रावण के पैर का अंगूठा स्पर्श करके अद्भुत ज्ञान प्राप्त किया था। बहुत कम लोग जानते है जब हम झुक कर बड़ों का आशीर्वाद लेते है तो उनका हाथ हमारे सिर पर होता है विशेष कर नाखून जब सिर पर होते है उस व्यक्ति की सभी सकरात्मक ऊर्जा हमारे शरीर में प्रवेश कर जाती है इतना ही नही कहा जाता है हमारे शरीर मे दायीं तरफ सकारात्मक तथा बायीं तरफ नकारात्मक ऊर्जा होती है।
चरण स्पर्श क्रिया में जब कोई महिला किसी व्यक्ति के पैर छूती है तब सकारात्मक(पोसिटिव आवेश) व नकारात्मक(नेगेटिव आवेश) मिलकर एक सक्रिय सर्किट बनाते हैं तथा विज्ञान के नियमानुसार ऊर्जा अधिक से कम की और प्रवाहित होती है जिससे उस व्यक्ति की सकारात्मक ऊर्जा महिला के शरीर में प्रवेश कर जाती है। यदि आप दोनों हाथों से किसी व्यक्ति का चरण स्पर्श कर रहें तो उस व्यक्ति की सकारात्मक उर्जा आपके अन्दर प्रवेश कर जाती है। पैर छूने से दोनों ही व्यक्तियों के मध्य रिश्ते अधिक मधुर बनते है विश्वास बढ़ता है यही नही यदि आप महिला है और इसी तरह पैर छूतीं है तो आप कितनी सभ्य व संस्कारी है ये भी दर्शाते है। अब जब भी किसी के पैर छुए तो याद रखे ये सिर्फ आशीर्वाद ही नही आपके स्वस्थ जीवन के लिए वरदान है।
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