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पाश्चात्य शास्त्रीय संगीत समारोह का आयोजन सी.एम.एस. में आज

पाश्चात्य शास्त्रीय संगीत समारोह का आयोजन सी.एम.एस. में आज

पाश्चात्य शास्त्रीय संगीत समारोह का आयोजन सी.एम.एस. में आज

प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित समारोह के मुख्य अतिथि होंगे जबकि आस्ट्रिया एवं लक्जमबर्ग के राजदूत विशिष्ट अतिथि होंगे।

लखनऊ, 19 अप्रैल। सिटी मोन्टेसरी स्कूल अपने 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में ‘डायमण्ड जुबली समारोह’ का आयोजन कर रहा है। इसी कड़ी में ‘पाश्चात्य शास्त्रीय संगीत’’ का विशेष आयोजन कल 20 अप्रैल, शनिवार को सायं 7.00 बजे से सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) ऑडिटोरियम में किया जा रहा है। इस संगीत समारोह में 17 देशों एवं भारत के 11 राज्यों से पधारे 168 संगीतज्ञ सामूहिक प्रस्तुति से पाश्चात्य शाष्त्रीय संगीत की लाजवाब एवं आत्ममुग्ध कर देने वाली कला से रूबरू करायेंगे। उक्त जानकारी सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने दी है।

      श्री शर्मा ने बताया कि प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित मुख्य अतिथि के रूप में पधारकर इस भव्य संगीत समारोह का उद्घाटन करेंगे जबकि आस्ट्रिया के राजदूत श्री ब्रिजिट ओपिन्जर वाल्शोफर, लक्जमबर्ग के राजदूत श्री जीन क्लाउडिया कॉजनर,

ए.बी.आर.एस.एम. के कामर्शियल डायरेक्टर श्री जेरेमी फिलिप्स, जसुभाई फाउण्डेशन के डायरेक्टर श्री रूस्तम वकील, डोमिनिकन गणराज्य के नेशनल यूथ आर्केस्ट्रा के डायरेक्टर श्री अल्बर्टो रिन्कॉन, ग्रैमी अवार्ड विजेता प्रख्यात संगीतज्ञ श्री रिकी केज, प्रख्यात संगीतज्ञ

श्री विजय उपाध्याय एवं इण्डियन नेशनल यूथ आर्केस्ट्रा एवं क्वायर की मैनेजिंग डायरेक्टर सुश्री सोनिया खान आदि विशिष्ट अतिथि के रूप में गरिमामय उपस्थिति दर्ज करायेंगे।

            श्री शर्मा ने बताया कि इस संगीत समारोह के प्रतिभागी संगीतज्ञों में आस्ट्रिया, बुल्गारिया, चीन, डोमिनिकन गणराज्य, फ्रांस, जार्जिया, जर्मनी, ईरान, इटली, लक्जमबर्ग, रोमानिया, रूस, स्लोवेनिया, स्विटजरलैंड, ब्रिटेन, बांग्लादेश एवं भारत के संगीतज्ञ शामिल हैं। इसके अलावा, देश के 11 राज्यों दिल्ली, कर्नाटक, मणिपुर, महाराष्ट्र, नागालैण्ड, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, बेंगलूरू, मिजोरम एवं आन्ध्र प्रदेश के संगीतकार भी प्रतिभाग कर रहे हैं। इसके साथ ही, वायलिन, वायलास, चेलो, डबल बेस, हाप, बांसुरी, फ्रेन्च हार्न, ओब, क्लैरिनेट, ट्राम्बोन, ट्रम्पेट, टुबा, ड्रम, टिम्पनी आदि वाद्ययंत्रों का उपयोग किया जायेगा।

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