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उत्तर प्रदेश

शिया बोर्ड की तरफ से मंदिर निर्माण को क्लीन चिट, मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में बनाया जाए मस्जिद

अयोध्या में राम मंदिर को लेकर राजनीति लगातार जोरो पर रहती है, एक बार फिर से इस मुद्दे पर शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से बयान दिया गया है जोकि चर्चा का विषय बन चुका है।

शिया बोर्ड की तरफ से मंदिर निर्माण को क्लीन चिट, मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में बनाया जाए मस्जिद

लखनऊ. अयोध्या में राम मंदिर को लेकर राजनीति लगातार जोरो पर रहती है, एक बार फिर से इस मुद्दे पर शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से बयान दिया गया है जोकि चर्चा का विषय बन चुका है। शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस बाबत मुलाकात की। तकरीबन 20 मिनट तक चली इस मुलाकात के बाद वसीम रिजवी ने कहा कि मैंने राम मंदिर बनाने को लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात की है, जिस स्थान पर मंदिर है वहीं मंदिर रहेगा। उन्होंने कहा कि मस्जिद किसी मंदिर को गिराकर नहीं बनाई जा सकती है। लिहाजा मस्जिद को अयोध्या से बाहर या कहीं दूर मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में बनाया जाना चाहिए, इसे लेकर मैं इस मसले से जुड़े तमाम पक्षकारों से बात कर रहा हूं।

मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद वसीम रिजवी ने कहा कि मैं सभी पक्षकारों से बात कर रहा हूं, लगभग सभी लोग राम मंदिर के लिए सहमत हैं, कुछ मुद्दों पर बात बाकी है, उसे भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा। राम मंदिर को लेकर कोई विवाद नहीं होगा, मंदिर जहां है वहीं बनेगा, इसमे कोई दिक्कत नहीं आएगी, हम बातचीत के जरिए इस मुद्दे को सुलझा लेंगे। मस्जिद को दूर बनाने के लिए बात हो रही है, इसे कहीं ऐसी जगह पर बनाया जाएगा जहाँ मुस्लिम लोग ज्यादा संख्या में हो जिससे उन्हें नमाज अदा करने के लिए दूर न जाना पड़े।

इससे पहले रिजवी ने कहा था कि राम मंदिर के विवाद को बातचीत के जरिए शांतिपूर्ण तरीके से निपटा लिया जाएगा और इस बाबत 6 दिसंबर तक सुप्रीम कोर्ट को प्रस्ताव भी भेज दिया जाएगा। आपको बता दें कि 6 दिसंबर 1992 को ही बाबरी मस्जिद को तोड़ दिया गया था। इसी वजह से शिया बोर्ड ने इस मामले को 6 दिसंबर तक निपटाने की बात कर रहा है।

आपको बता दें कि मार्च माह में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राम मंदिर का निपटारा कोर्ट के बाहर होना चाहिए, अगर संबंधित पक्ष चाहे तो सुप्रीम कोर्ट अपनी भूमिका निभाने को तैयार है, सभी पक्ष आपस में बैठकर बातचीत के जरिए इस मसले का हल निकाल लें। अगर बातचीत से समाधान नहीं निकलता है तो वह हस्तक्षेप करने के लिए तैयार है।

वहीं BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मसले पर कहा था कि मंदिर और मस्जिद दोनों को बनना चाहिए, लेकिन मस्जिद को सरयू नदी के पार बनाना चाहिए, जबकि मंदिर को उसकी अपनी ही जगह पर बनाना चाहिए।

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