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नेपाल ने पिछले साल भीषण भूकंप के बाद एवरेस्ट की चढ़ाई बीच में छोडऩे वाले सैकड़ों पर्वतारोहियों का पर्वतारोहण संबंधी परमिट बढ़ा दिया है। एेसा पर्यटकों को लुभाने की कोशिश के तहत किया गया है। पिछले साल पर्वतारोहियों ने परमिट के लिए 11,000-11,000 डॉलर का भुगतान किया था। एवरेस्ट आधार शिविर पर अप्रैल में भूकंप के कारण आए हिमस्खलन में 18 लोगों के मारे जाने के बाद उन्होंने समूहों में अपना अभियान छोड़ दिया। 2014 में भी एवरेस्ट पर एक हिमस्खलन में 16 नेपाली गाइड मारे गए थे जिसके बाद से वहां पिछले दो सालों से लगभग कोई चढ़ाई नहीं हुई। नेपाल के पर्यटन विभाग के प्रमुख गोविंद बहादुर कर्की ने कहा, ‘‘सरकार ने भूकंप के कारण अभियान पूरा ना कर पाने वाले पर्वतारोहियों के लिए मुआवजे के तौर पर उनका परमिट दो साल के लिए बढ़ाने का फैसला किया है।’’ पिछले साल अप्रैल में आए 7.8 तीव्रता के भीषण भूकंप के कारण 9,000 से ज्यादा लोग मारे गए थे। आपदा के बाद से नेपाल पर्वतारोहण उद्योग सहित पर्यटन को बहाल करने के लिए व्याकुल है। पर्वतारोहण उद्योग देश के लिए राजस्व अर्जन का महत्वपूर्ण स्रोत है। देश में दुनिया के सबसे उंचे 14 पर्वत शिखरों में से आठ शिखर हैं जिनकी उंचाई 8,000 मीटर से अधिक है। कर्की ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि सरकार के नये फैसले से इस साल पर्वतारोहियों की संख्या में वृद्धि होगी।’’
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