भरतपुर. राजस्थान के कांग्रेस नेता विश्वेन्द्र सिंह (54) ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया है। दरअसल वह भरतपुर के एक बैंक से घंटों लाइन में खड़े रहने के बावजूद 10 हजार रुपए नहीं निकाल पाए जिसके बाद उन्होंने यह कदम उठाया है।
गुरुवार को वह भरतपुर में स्थित ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के बाहर करीब एक घंटे तक लाइन में खड़े रहे ताकि वह 10 हजार रुपए निकाल सकें लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। जैसे ही उनकी बारी आई तो काउंटर पर उनसे कहा गया कि बैंक के पास सिर्फ 3 लाख रुपए के नए नोट हैं इसलिए वह उन्हें सिर्फ 2000 रुपए ही दे सकते हैं न कि 10 हजार। विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि जब भारतीय रिजर्व बैंक को पता था कि नोटबंदी की जाने वाली है तो उन्होंने नोटबंदी से पहले पर्याप्त मात्रा में नए नोट क्यों नहीं छापे? उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक को इसके लिए सजा दी जानी चाहिए कि वह बैंकों तक पर्याप्त कैश क्यों नहीं पहुंचा पा रहा है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने उनकी शिकायत तो दर्ज कर ली है लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल और भरतपुर स्थित ओरिएंटल बैंक के ब्रांच मैनेजर के खिलाफ धोखेबाजी और आपराधिक षड़यंत्र के तहत FIR दर्ज करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा है कि वह इस मामले को लेकर कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे। पुलिस ने कहा है कि वह इस मामले में FIR पूरी छानबीन के बाद ही दर्ज करेंगे।
इससे पहले उर्जित पटेल का मांगा जा चुका है इस्तीफा
देश भर में विमुद्रीकरण के फैसले को लागू करने के बाद से ही इस फैसले की आलोचना करने वालों में न सिर्फ विपक्ष के नेता शामिल हैं। बल्कि अब बैंक के लोगों ने भी अपनी आवाज उठाना शुरु कर दी है। विमुद्रीकरण के फैसले के बाद से बैंकों के बाहर खराब हुए हालातों पर पर अब RBI के गवर्नर उर्जित पटेल निशाने पर हैं। आल इंडिया बैंक एम्पलॉयिज एसोसिएशन के उपाध्यक्ष विश्वास उतागी ने उर्जित पटेल से उनका इस्तीफा की मांग की है।
विश्वास उतागी ने इस फैसले के लागू होने के बाद एक नियामक संस्था के तौर पर RBI के फेल होने की बात कही है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस फैसले के बाद से आजतक RBI के गवर्नर ने अपनी बात तक लोगों से नहीं कही है।
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