
श्रीनगर. जम्मू कश्मीर पुलिस ने आतंकियों और LOC के दूसरे तरफ मौजूद व्यापारियों के बीच सांठगांठ से पर्दा उठाया है। अभी तक जो बातें गुपछुप होती थीं अब उसका सुबूत मिल गया है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी POK के छिकोटी से लौट रहे एक ट्रक से पुलिस को भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए हैं। मंगलवार को कमान अमन पुल से जब यह यह ट्रक गुजर रहा था तभी पुलिस को इसकी जानकारी हुई।
जम्मू कश्मीर पुलिस का कहना है कि इन हथियारों को साउथ कश्मीर में मौजूद आतंकियों को दिया जाना था। ट्रक ड्राइवर की पहचान इरशाद अहमद मंटूके तौर पर हूई है। मट्टू कुलगाम का रहने वाला है जो साउथ कश्मीर में आता है। मंटू से पुलिस की एक टीम पूछताछ कर रही है। बारामूला के SSP इम्तियाज हुसैन ने कहा कि एक बैरीकेड को उरी एरिया में लगाया था। पुलिस ने यह कदम खास जानकारी मिलने के बाद उठाया था।
एसएसपी हुसैन ने बताया कि छिकोटी गया सामान से लदा ट्रक वापस आ रहा था और जब इसकी तलाशी ली गई तो इसमें से हथियार बरामद हुए। इस ट्रक का नंबर JK03B 1586 है। जो हथियार बरामद हुए हैं उनमें से एक चाइनीज पिस्तौल 14 राउंड्स वाली दो मैगजीन 120 राउंड्स वाली चार एके मैगजीन और दो चाइनीज ग्रेनेड ट्रक से बरामद हुए हैं। इन हथियारों को ट्रक में एक खास जगह पर छिपाकर रखा गया था जिसे सिर्फ हथियार छिपाने के लिए बनाया गया था। ड्राइवर कुलगाम के बुचपुरा का रहने वाला है। SSP हुसैन के मुताबिक केस दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है।
अभी तक क्यों इंस्टॉल नहीं हुआ स्कैनर?
हुसैन ने बताया कि पूछताछ के दौरान ड्राइवर ने बताया कि उसे यह सामान छिकोटी में मौजूद ऑपरेटिव्स ने दिया था। माना जा रहा है कि उसे यह हथियार साउथ कश्मीर में मौजूद आतंकियों को देने थे। इससे पहले भी पुलिस को POK से आने वाले ट्रकों से कभी ड्रग्स तो कभी हथियार बरामद हुए हैं। दो वर्ष पहले गृह मंत्रालय की एक टीम ने कमान पोस्ट का दौरा किया था। इसके बाद चाकनदा बाग और स्लामाबाद में फुल बॉडी ट्रक स्कैनर्स को इंस्टॉल करने पर मंजूरी दी गई थी। इन स्कैनर्स के लिए आर्मी कई बार मांग कर चुकी थी। लेकिन अभी तक स्कैनर्स इंस्टॉल नहीं किए गए हैं। आर्मी के टॉप अधिकारियों के मुताबिक इस मुद्दे को केंद्र सरकार के सामने उठाया जा चुका है और उनसे प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग की गई है। लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसके लिए गृह मंत्रालय को दोष करार दिया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि जब पी चिदंबरम गृहमंत्री थे तभी से यह मुद्दा अटका है। वर्ष 2015 में पुलिस को यहां से 114 किलोग्राम ब्राउन सुगर बरामद की थी जिसकी कीमत 100 करोड़ रुपए थी।
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