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चीन से नहीं देखा गया भारत में iPhone निर्माण, फॉक्सकॉन ने वापस बुलाए अपने इंजीनियर्स

भारत में मेड इन इंडिया आईफोन का डंका दुनियाभर में बज रहा है, लेकिन अब चीन को यह स्थिति रास नहीं आ रही है। एपल द्वारा भारत में आईफोन के निर्माण को बढ़ाने की योजना को एक बड़ा झटका लग सकता है।

चीन से नहीं देखा गया भारत में iPhone निर्माण, फॉक्सकॉन ने वापस बुलाए अपने इंजीनियर्स

नई दिल्ली: भारत में मेड इन इंडिया आईफोन का डंका दुनियाभर में बज रहा है, लेकिन अब चीन को यह स्थिति रास नहीं आ रही है। एपल द्वारा भारत में आईफोन के निर्माण को बढ़ाने की योजना को एक बड़ा झटका लग सकता है। फॉक्सकॉन ने भारत में अपने आईफोन प्लांट्स से सैकड़ों चीनी इंजीनियरों और तकनीशियनों को वापस बुला लिया है।

फॉक्सकॉन के कर्मचारियों की वापसी

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण भारत में स्थित फॉक्सकॉन के आईफोन प्लांट्स में तैनात अधिकांश चीनी कर्मचारियों को दो महीने पहले ही लौटने के लिए कहा गया था। अब तक 300 से अधिक चीनी कर्मचारी भारत छोड़ चुके हैं। इस समय फैक्ट्री का संचालन ताइवानी सपोर्ट स्टाफ संभाल रहा है।

भारत में आईफोन निर्माण की स्थिति

फॉक्सकॉन का प्लांट भारत में बनाए जाने वाले अधिकांश आईफोन को असेंबल करता है। इसके साथ ही टाटा ग्रुप की इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण शाखा, जो विस्ट्रॉन (Wistron) का अधिग्रहण कर चुकी है और पेगाट्रॉन (Pegatron) का संचालन भी करती है, एपल के लिए एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता बन चुकी है।

चीन-भारत तनाव का प्रभाव

हालांकि फॉक्सकॉन और एपल की तरफ से इस फैसले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन खबरें हैं कि चीन के अधिकारियों ने अपने नियामक एजेंसियों और स्थानीय सरकारों को इस साल की शुरुआत में भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया में तकनीकी ट्रांसफर और उपकरणों के निर्यात पर रोक लगाने के लिए कहा था। इसका उद्देश्य चीन से बाहर उत्पादन शिफ्ट होने को रोकना हो सकता है।

एपल के सीईओ टिम कुक पहले ही चीन में असेंबली वर्कर्स की कुशलता और विशेषज्ञता की सराहना कर चुके हैं, जिसे चीन में उत्पादन की एक बड़ी वजह बताया गया था।

भारत में असर

सूत्रों के अनुसार, चीनी कर्मचारियों की वापसी से भारत में स्थानीय कर्मचारियों को ट्रेनिंग देने और निर्माण तकनीक ट्रांसफर में देरी हो सकती है। इसके साथ ही निर्माण लागत में भी बढ़ोतरी हो सकती है। एक सूत्र ने बताया, “इस बदलाव से भारत में उत्पादन की गुणवत्ता पर असर नहीं पड़ेगा, लेकिन असेंबली लाइन की दक्षता जरूर प्रभावित हो सकती है।”

महत्वपूर्ण बदलाव का समय

यह घटनाक्रम तब हुआ है जब एपल ने अगले साल से अमेरिका में बिकने वाले सभी आईफोन की असेंबली भारत में करने की योजना बनाई है। फिलहाल, एपल का कोई भी स्मार्टफोन अमेरिका में नहीं बनता। अधिकांश आईफोन चीन में बनाए जाते हैं, जबकि भारत में लगभग 4 करोड़ यूनिट (कुल वैश्विक उत्पादन का 15%) प्रति वर्ष तैयार होते हैं।

अब देखना यह होगा कि इस बदलाव से एपल के भारत में उत्पादन की योजनाओं पर क्या असर पड़ता है और चीन-भारत के बढ़ते तनाव का इसके कारोबार पर कितना प्रभाव होगा।

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