
संसद के बजट सत्र में अपने पहले ही भाषण में पकौड़े बेचने को अच्छा काम बताने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद अमित शाह विपक्ष के निशाने पर हैं। इस बीच पकौड़े पर मचा संग्राम संसद से होता हुआ अब कोर्ट तक पहुंच गया है। बिहार के मुजफ्फरपुर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में अमित शाह के पकौड़े वाले बयान को लेकर उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है।
'बयान, बेरोजगार युवाओं का मजाक उड़ाने जैसा'
याचिकाकर्ता तमन्ना हाशमी ने सीजेएम हरि प्रसाद के कोर्ट में दी गई अपनी याचिका में कहा, 'भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राज्यसभा में दिए अपने भाषण में कहा कि पकौड़े बेचना कोई शर्म की बात नहीं है। ऐसा कहकर उन्होंने पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं को पकौड़े बेचने की सलाह दी है। उनका यह बयान बेरोजगार युवाओं का मजाक उड़ाने जैसा है।' हाशमी ने कहा कि अपनी सरकार के बचाव में दिया गया अमित शाह का बयान युवाओं के अंदर निराशाजनक पैदा करने वाला है।
28 फरवरी को मामले की अगली सुनवाई
याचिकाकर्ता ने कोर्ट में आईपीसी की धारा 297, 504 और 34 के तहत शिकायत केस नंबर 299/2018 दर्ज कराई है। हाशमी ने कहा कि राज्यसभा में अमित शाह का बयान स्वाभाविक रूप से आपराधिक है, इसीलिए मैंने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में शिकायत दर्ज कराई है। मैंने अपनी याचिका में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ उनकी टिप्पणी को लेकर कोर्ट से कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। कोर्ट ने हाशमी की याचिका को स्वीकार कर लिया है। मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 फरवरी की तारीख तय की गई है।
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि अमित शाह ने अपने भाषण में कहा था कि करोड़ों युवा जो छोटे-छोटे स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, पकौड़ा बना रहे हैं, आप उनकी तुलना भिखारी से कर रहे हैं। उन्होंने सवाल पूछा कि यह किस प्रकार की मानसिकता है? पकौड़ा बनाना कोई शर्म की बात नहीं है। कोई बेरोजगार पकौड़ा बना रहा है। उसकी दूसरी पीढ़ी आगे आएगी। जैसे एक चायवाला पीएम बनकर सदन में बैठा है। अमित शाह ने कहा कि बेरोजगारी से तो अच्छा है कि कोई युवा पकौड़े बना कर आजीविका कमाए।
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