नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने विश्व प्रसिद्ध ताजमहल को लेकर गुरुवार को सरकार को जबरदस्त फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या वह विश्व प्रसिद्ध ताजमहल को नष्ट करना चाहती है? कोर्ट ने यह टिप्पणी उस याचिका पर सुनवाई के दौरान की है जिसमें मथुरा और दिल्ली के बीच रेलवे ट्रैक बिछाने के लिए 400 पेड़ों को काटे जाने को मंजूरी देने की मांग की थी। जस्टिस मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की बेंच ने कहा, यह विश्व प्रसिद्ध स्मारक है और सरकार इसे तबाह करना चाहते हैं? क्या आपने ताजमहल की ताजा तस्वीरें देखी हैं। अगर नहीं तो इंटरनेट पर जा कर देखिए उन तस्वीरों को। बेंच ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, अगर आप यही चाहते हैं तो एक हलफनामा या आवेदन दायर कर दीजिए कि भारत सरकार ताजमहल को गिराना या तबाह करना चाहती है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें उस इलाके में 80 किलोमीटर तक के दायरे में 450 पेड़ों को काटे जाने की मंजूरी मांगी गई है।
रेलवे ट्रैक बनाने के लिए पेड़ काटने की मंजूरी-
सरकार की ओर से एक आवेदन दिया गया है कि ट्रेन यातायात में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए अतिरिक्त ट्रैक बिछाया जाना जरूरी है। लिहाजा मथुरा और दिल्ली के बीच अतिरिक्त रेलवे ट्रैक बिछाया जाने के लिए मंजूरी दी जाए। अदालत पर्यावरणविद एम.सी मेहता की याचिका पर भी विचार कर रही है। कोर्ट ऐतिहासिक ताजमहल के संरक्षण के लिए क्षेत्र में विकास गतिविधियों की निगरानी कर रहा है। 1631 में मुगल सम्राट शाह जहां ने ताजमहल को अपनी बीवी मुमताज की याद में बनवाया था। यह यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में शामिल है।
अगले महीने होगी सुनवाई-
अदालत अब इस मामले पर अगले महीने सुनवाई करेगी। मेहता ने अपनी जनहित याचिका में ताजमहल को प्रदूषण फैलाने वाली गैसों और पड़ों की कटाई से होने वाले बुरे असर से बचाने की मांग की है। इसके पहले अदालत ने स्मारक को बचाने के लिए कई निर्देश जारी किए थे।
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