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दस मिनट की वाक पर मिलेगी बस और मेट्रो

दस मिनट की वाक पर मिलेगी बस और मेट्रो

दस मिनट की वाक पर मिलेगी बस और मेट्रो

नई दिल्‍ली : मिनिस्‍ट्री ऑफ अर्बन डेवलपमेंट ने नेशनल ट्रांजिट ऑरियेंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) पॉलिसी को राज्‍यों से बातचीत के बाद फाइनल किया गया है। पॉलिसी का मकसद है कि लोगों को घर से निकलते ही बस या मेट्रो मिल जाए और वे प्राइवेट व्‍हीकल्‍स का इस्‍तेमाल बंद कर दें। इस पॉलिसी के तहत ट्रांजिट स्‍टेशनों के 500 से 700 वर्ग मीटर के दायरे में मिक्‍स लैंड यूज डेवलपमेंट को मंजूरी देने का प्रस्‍ताव है ताकि लोगों की ज्‍यादातर जरूरतें घर के पास ही पूरी हो जाएं और अगर फिर भी दूर जाना पड़े तो लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट (ट्रेन बस) का इस्‍तेमाल करें।

ट्रांजिट ओरियंटेंड डेवलपमेंट से उम्मीद है कि अर्बन प्‍लानिंग इस तरह से की जाए जिससे लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए ज्‍यादा दूर न जाना पड़े और पब्लिक ट्रांसपोर्ट आसानी से उपलब्‍ध हो। दरअसल शहरों में प्राइवेट व्‍हीकल्‍स की बढ़ती तादात ने सरकारों के साथ-साथ अर्बन प्‍लानर्स को भी चिंता में डाल दिया है। इसलिए देश भर में अब पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाओं पर काम चल रहा है। इसमें से टीओडी एक बड़ा और अहम प्‍लान है। इसका मकसद है कि शहरों की प्‍लानिंग इस तरह से की जाए कि लोगों को अपने व्‍हीकल की जरूरत ही महसूस न हो।

मिनिस्‍ट्री ऑफ अर्बन डेवलपमेंट के एक अधिकारी के मुताबिक टीओडी की शुरुआत सबसे पहले मास ट्रांजिट कॉरिडोर से होगा। सबसे पहले मेट्रो स्‍टेशन और बस रेपिड ट्रांजिट (बीआरटी) के तहत बनने वाले बस स्‍टॉप से इसकी शुरुआत होगी। यही वजह है कि मिनिस्‍ट्री द्वारा तैयार की गई नई मेट्रो पॉलिसी में ट्रांजिट ओरियेंटेड डेवलपमेंट को शामिल किया गया है।

पॉलिसी के मुताबिक सबसे पहले स्‍टेशन और बस स्‍टॉप को फोकस किया जाएगा। एक स्‍टेशन के 500 से 700 वर्ग मीटर के दायरे में टीओडी एरिया बनाया जाएगा। यहां मिक्‍स्‍ड लैंड यूज (एमएलयू) की इजाजत होगी। यहां रेसिडेंशियल एरिया के साथ-साथ कॉमर्शियल और इंस्‍टीट्यूशनल एरिया भी डेवलप किया जाएगा। जैसे कि स्‍टेशन के पास ही घर पार्क मंदिर स्‍कूल दुकान
मॉल सिनेमा के साथ-साथ ऑफिस कॉम्‍प्‍लैक्‍स भी होंगे।इससे जहां लोगों को पैदल या साइकिल या रिक्‍शा से पहुंच कर मेट्रो व बस मिल जाएगी वहीं इस एरिया में रह रहे लोगों को अतिरिक्‍त फ्लोर एरिया रेश्‍यो (एफएआर) का भी लाभ मिलेगा। इस एरिया को हाई डेन्सिटी एरिया के तौर पर विकसित किया जाएगा। इसका फायदा प्रॉपर्टी ऑनर्स को होगा वे मल्‍टी स्‍टोरी बिल्डिंग बना पाएंगे।.



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