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सरकारी बैंकों के लिए बड़ी चुनौती बनेंगे पेमेंट बैंक

सरकारी बैंकों को अब तक की सबसे बड़ी चुनौती मिलने वाली है। यह चुनौती इन्हें विदेशी या निजी बैंकों से नहीं बल्कि पेमेंट बैंकों से मिलेगी। पेटीएम, रिलायंस, बिड़ला ग्रुप के अलावा दूरसंचार कंपनियां एयरटेल, वोडाफोन सहि

सरकारी बैंकों के लिए बड़ी चुनौती बनेंगे पेमेंट बैंक

सरकारी बैंकों को अब तक की सबसे बड़ी चुनौती मिलने वाली है। यह चुनौती इन्हें विदेशी या निजी बैंकों से नहीं बल्कि पेमेंट बैंकों से मिलेगी। पेटीएम, रिलायंस, बिड़ला ग्रुप के अलावा दूरसंचार कंपनियां एयरटेल, वोडाफोन सहित 10 कंपनियां अगले 3 से 6 महीनों के अंदर अपने पेमेंट बैंक कारोबार को लांच कर देंगी। इनमें से कुछ कंपनियों ने तकनीक और प्रोफेशनल्स के तौर पर जिस तरह से नई भर्तियां शुरू की हैं वह सरकारी बैंकों के लिए निश्चित तौर पर खतरे की घंटी है।

 

आरबीआई ने अगस्त, 2015 में 11 कंपनियों, बैंकों या अन्य एजेंसियों को पेमेंट बैंक खोलने का लाइसेंस दिया था। इसमें भारतीय डाक विभाग भी शामिल है जिसके साथ पेमेंट बैंक कारोबार शुरू करने के लिए विश्व बैंक समेत दुनिया के एक दर्जन बड़े बैंक प्रस्ताव भेज चुके हैं।

 

वैसे कारोबार के लिहाज से ये संपूर्ण बैंक तो नहीं होंगे लेकिन ये आम जनता की सामान्य बैंकिंग जरूरत से जुडी तमाम सेवाएं ये बैंक दे सकेंगे। हां, ये कर्ज नहीं दे सकेंगे लेकिन छोटी बचत स्कीम जरूर चालू कर सकते हैं। साथ ही ये दूसरी वित्तीय कंपनियों के उत्पादों की बिक्री भी कर सकेंगे।

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