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10 पैसे में बिक रही थी बैंक FB अकाउंट की डिटेल

10 पैसे में बिक रही थी बैंक FB अकाउंट की डिटेल

10 पैसे में बिक रही थी बैंक FB अकाउंट की डिटेल

नई दिल्ली : राजधानी में पुलिस ने एक गिरोह का पर्दाफाश कर एक करोड़ लोगों का बैंक अकाउंट डाटा क्रेडिट-डेबिट कार्ड की डिटेल और फेसबुक-वॉट्सऐप डाटा जैसी सेंसिटिव इन्फॉर्मेशन लीक होने का खुलासा किया है। लोगों का ये पर्सनल डाटा 10 से 20 पैसे प्रति कस्टमर बेचे जाते थे। गिरोह के मास्टरमाइंड समेत 2 लोगों को अरेस्ट कर लिया गया है।न्यूज एजेंसी के मुताबिक डीसीपी (साउथ-ईस्ट) रोमिल बानिया ने शुक्रवार को बताया "ग्रेटर कैलाश में रहने वाले सुशील कुमार रस्तोगी ने शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि किसी ने उनसे फोन करके कहा कि उनका सिटी बैक अकाउंट बंद होने वाला है अगर वो इसे फिर से एक्टिव कराना चहाते हैं तो उन्हें अकाउंट की डिटेल बतानी होगी। जैसे ही सुशील कुमार ने डिटेल बताई तुरंत ही उनके खाते से 1.46 लाख रुपए अलग-अलग अकाउंट में ट्रांसफर हो गए।"

" उनके मामले की जांच के दौरान इस गिरोह का सुराग मिला। गिरोह के 2 लोगों को अरेस्ट किया गया है। एक पूरण गुप्ता है दूसरा आशीष कुमार झा। गुप्ता मास्टरमाइंड है। इसके अलावा इस मामले में कुछ बैंक ऑफिशियल्स भी शामिल हैं।" "झा पहले एक बैंक में सेल एक्जिक्यूटिव का काम करता था लेकिन बाद में इसने अपना ही कॉल सेंटर खोल लिया और अपने पोर्टल से हेल्थ इंश्योरेंस करने लगा। इसी दौरान उसने लोगों से धोखाधड़ी शुरू कर दी। इसके लिए इसने 4-5 लोगों को डेलीवेज पर रखा हुआ था।"

डीसीपी के मुताबिक "आशीष ये डाटा पूरण गुप्ता से खरीदता था। गुप्ता पैसों के बदले उसे यह डाटा देता था। जांच के दौरान गुप्ता के लैपटॉप से एक करोड़ लोगों का डाटा मिला। इस डाटा को उसने लोगों की इनकम प्रोफाइल के हिसाब से बांट रखा था। अमीर स्टूडेंट कार वाले वकील समेत अलग-अलग राज्यों का डाटा उसके लैपटॉप से मिला।"
- "आशीष के पास से सिटी बैक आईसीआईसीआई बैंक सहित कई बैकों का डाटा मिला है। गुप्ता सबसे ज्यादा बैंक डाटा मुंबई में बेचता था।"

पुलिस के मुताबिक जांच में यह भी खुलासा हुआ कि लोगों के बैंक खाते क्रेडिट-डेबिट कार्ड की जानकारी बेची जा रही थी। इनमें लोगों का कार्ड नंबर उनका नाम डेट ऑफ बर्थ और मोबाइल नंबर जैसी इन्फॉर्मेशन शामिल थीं।इसके अलावा 50 हजार लोगों का डाटा बेच कर 10 से 20 हजार रुपए लेता था। गिरोह डाटा को अक्सर बल्क में बेचता था। बैंक अकाउंट क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड की डिटेल फेसबुक और वॉट्सऐप डाटा 10 से 20 पैसे प्रति कस्टमर के हिसाब से बेचे जाते थे।


गिरोह के लोग एजेंसी बैंक या किसी कंपनी का ऑफिशियल बनकर लोगों को फोन करते थे उनसे संदिग्ध लेनदेन को कन्फर्म करने की बात कहते थे। इस बहाने लोगों से डिटेल (CVV-कार्ड वेरिफिकेशन वैल्यू नंबर और OTP) जल्द शेयर करने को कहा जाता था। कार्ड ब्लॉक जैसे बहाने बनाकर लोगों से पासवर्ड लिए जाते थे। जानकारी मिलने के बाद गिरोह लोगों के अकाउंट से पैसे निकालने में कामयाब हो जाता था।गिरोह के पास पहले से बैंक अकाउंट होल्डर की कुछ डिटेल होती थी जिससे लोग इन पर भरोसा कर फंस जाते थे। गिरोह को ये डिटेल बैंक ऑफिशियल्स से मिलती थी। ज्यादातर सीनियर सिटिजन को टारगेट करता था।


पुलिस ने पांडव नगर के रहने वाले पूरण गुप्ता और आशीष कुमार झा को गिरफ्तार किया है। पूरण गिरोह का मास्टरमाइंड है। कई लोगों से अभी पूछताछ जारी है। इस मामले में मुंबई के एक सप्लायर की भी तलाश जारी है जिससे पूरण ने एक बार डाटा खरीदा था।


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