नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर समेत सुप्रीम कोर्ट के 6 अन्य जजों को कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस सीएस कर्णन ने पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है | यह फैसला सभी छह न्यायाधीशों को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम के तहत दोषी पाए जाने पर दिया गया है। आपको बता दे कि जस्टिस कर्णन पर न्यायपालिका का अपमान करने और सुप्रीम कोर्ट जजों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने को लेकर अदालत के अपमान का आरोप लगा है। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने उनकी न्यायिक कर्तव्यों को जारी रखने की याचिका पहले ही ठुकरा दी थी।
सु्प्रीम कोर्ट ने कहा था कि कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस सीएस कर्णन दिमागी रूप से ठीक नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस सीएस कर्णन के खिलाफ 17 मार्च को जमानती वारंट भी जारी किया था। इसके बाद 2 मई को जस्टिस कर्णन ने संविधान के अनुच्छेद 226 का प्रयोग करते हुए सुओ-मोटो आदेश जारी किया था। भारत के मुख्य न्यायाधीश समेत अन्य छह जजों को लेकर समन दिए जाने के बाद वह जस्टिस कर्णन के सामने पेश नहीं हुए तो उन्होंने गैर-जमानती वारंट जारी करते हुए 8 मई को फिर पेश होने का आदेश जारी किया था। सोमवार को जब सुप्रीम कोर्ट के जज पेश नहीं हुए तो जस्टिस कर्णन ने इसे अपनी अदालत की अवमानना मानते हुए सभी 7 जजों को 5 साल की सजा सुना दी।
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