नई दिल्ली : पिछले कुछ समय से पाकिस्तान के बाद चीन के साथ भी भारत के संबंधों में मन मुटाव चल रहा है। डोकलाम विवाद के चलते दोनों ओर के सैनिक पिछले डेढ़ महीने से आमने सामने डटे हुए हैं। अब रक्षा अधिग्रहण परिषद ने भारतीय सेना के लिए अमेरिका से छह अपाचे जंगी हेलीकॉप्टर खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। ये विमान एक बार में 128 लक्ष्य भेद सकता है। इन छह अपाचे जंगी हेलीकॉप्टरों की खरीद पर कुल 4,168 करोड़ का खर्च आएगा। भारत एएच-64ई अपाचे हेलीकॉप्टर के साथ अमरीका से स्पेयर पार्ट्स, प्रशिक्षण एवं गोला-बारूद भी लेगा। डीएसी ने इसके अलावा यूक्रेन से दो गैस टर्बाइन सेट भी खरीदने को मंजूरी दे दी। ये गैस टर्बाइन सेट रूस में भारत के लिए तैयार किए जा रहे दो ग्रिगोरोविच पोतों के लिए खरीदे जाएंगे। आइए आपको बताते हैं कि क्यों अपाचे हेलीकॉप्टरों को इतना घातक माना जाता है।
हाईटेक सेंसर और रडार से है लैस
अमरीका, इजराइल, नीदरलैलंद जैसे देशों की वायुसेना अपाचे हेलीकॉप्टर इस्तेमाल करती है। इसमें लगी 30 एमएम की गन बहुत ही घातक है, जो अपने लक्ष्य को आसानी से भेद सकती है। वहीं इसमें लगे हाईटेक सेंसर दुश्मन के ठिकानों को आसानी से खोज सकते हैं।
हाईटेक मिसाइलें
अपाचे हेलीकॉप्टर एजीएम-114 हेलीफायर मिसाइल से लैस है। इसके साथ ही इसमें हाइड्रा 70 रॉकेट पॉड्स भी लगे हैं। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमरीका ने इस हेलीकॉप्टर का खूब प्रयोग किया है।
रात में उड़ने में सक्षम
आमतौर पर दुश्मन के खिलाफ कार्रवाई रात में की जाती है, लेकिन भारत के पास रात में लड़ाई करने वाले बहुत कम हेलीकॉप्टर हैं। ऐसे में इस हेलीकॉप्टर के शामिल होने से वायुसेना की ताकत बढ़ेगी। इसमें नाइट विजन सिस्टम लगा है, जिससे आसानी से रात में ऑपरेशन को अंजाम दिया जा सकता है।
रफ्तार में भी तेज
अपाचे हेलीकॉप्टर 293 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ सकते हैं। यह किसी भी मौसम और किसी भी हालात में उड़ान भरने में सक्षम है। वहीं इसमें टर्बोसाफ्ट इंजन का प्रयोग किया गया है
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