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दिवाली पर पटाखे बेचने, खरीदने और फोड़ने पर सरकार ने लगाई पाबंदी

दिवाली पर पटाखे बेचने, खरीदने और फोड़ने पर सरकार ने लगाई पाबंदी, दिल्ली मे प्रदूषण के चरम स्तर को देखते हुए यह अहम फैसला लिया गया है।

दिवाली पर  पटाखे बेचने, खरीदने और फोड़ने पर सरकार ने लगाई पाबंदी

दिवाली पर पटाखे बेचने, खरीदने और फोड़ने पर सरकार ने लगाई पाबंदी। अब दिल्ली मे पटाखों पर लगा पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है। अब आप पटाखे न खरीद सकेंगे, न बेच सकेंगे और न ही फोड़ सकेंगे। आदेश में कहा गया है कि कई विशेषज्ञों ने कोविड -19 के मामलों में बढ़ोतरी का संकेत दिया है। ऐसा इसलिए की पटाखों को फोड़कर बड़े पैमाने पर समारोहों के परिणामस्वरूप न केवल सोशल डिस्टेंसिंग की गाइडलाइन का उल्लंघन होगा, बल्कि उच्च स्तर का वायु प्रदूषण भी दिल्ली में गंभीर स्वास्थ्य मुद्दों को जन्म देगा।

दिवाली पर पटाखे बेचने, खरीदने और फोड़ने पर सरकार ने लगाई पाबंदी,प्रदूषण के चरम स्तर को देखते हुए लिया गया फैसला-

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने 1 जनवरी, 2022 तक सभी तरह के पटाखे फोड़ने और बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। सर्दियों के मौसम में विशेष रूप से राष्ट्रीय राजधानी में दिवाली के दौरान संभावित प्रदूषण के चरम स्तर को देखते हुए यह निर्णय लिया गया।

आदेश में कहा गया है कि कई विशेषज्ञों ने कोविड -19 के मामलों में बढ़ोतरी का संकेत दिया है। ऐसा इसलिए की पटाखों को फोड़कर बड़े पैमाने पर समारोहों के परिणामस्वरूप न केवल सोशल डिस्टेंसिंग की गाइडलाइन का उल्लंघन होगा, बल्कि उच्च स्तर का वायु प्रदूषण भी दिल्ली में गंभीर स्वास्थ्य मुद्दों को जन्म देगा।

पड़ोसी राज्यों से पटाखा बैन करने को किया आग्रह-

कोरोना-19 संकट के तहत टाखे फोड़ना बड़े सामुदायिक स्वास्थ्य के लिए अनुकूल नहीं है। प्रदूषण बोर्ड ने जिलाधिकारियों और पुलिस उपायुक्तों को भी निर्देश लागू करने और दैनिक कार्रवाई रिपोर्ट सौंपने को कहा है। दिल्ली सरकार इससे पहले उत्तर प्रदेश और हरियाणा सहित अपने पड़ोसी राज्यों से पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह कर चुकी है।

नागरिकों के जीवन के अधिकार का नहीं हो सकता उल्लंघन-

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहाकि वहपटाखों पर प्रतिबंध लगाने के मामले पर विचार करते हुए रोजगार की आड़ में अन्य नागरिकों के जीवन के अधिकार का उल्लंघन नहीं कर सकता। न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की एक पीठ ने कहा कि उसकी प्राथमिकता मासूम नागरिकों के जीवन के अधिकार की रक्षा करना है।

पीठ ने कहा ‘‘ हमें रोजगार, बेरोजगारी और नागरिक के जीवन के अधिकार के बीच संतुलन बनाना होगा। कुछ लोगों के रोजगार की आड़ में हम दूसरों को अन्य नागरिकों के जीवन के अधिकार का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दे सकते। हमारी प्राथमिकता मासूम नागरिकों के जीवन के अधिकार की रक्षा करना है। यदि हमें लगा कि यह हरित पटाखे हैं और विशेषज्ञों की समिति द्वारा इन्हें स्वीकृत किया गया है तो हम उपयुक्त आदेश पारित करेंगे।’’

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