कोहली ने अपने साथियों को गुरुमंत्र देते हुए कहा, क्रिकेट का खेल गेंद और बल्ले से खेला जाता है। मुझे नहीं लगता कि इसमें घर या बाहर खेलने से कोई फर्क पड़ता है। अगर हम दक्षिण अफ्रीका के हालात में खुद को ढाल पाते हैं तो निश्चित रूप से हम वहां अच्छा करने में कामयाब होंगे।
साथ ही ये भी कहा, हम वहां कुछ साबित करने नहीं जा रहे हैं। हम वहां सिर्फ अच्छी क्रिकेट खेलने और देश के लिए अपना शत-प्रतिशत देने जा रहे हैं। देश के लिए खेलना बहुत बड़ी बात होती है। अगर आप कोई मैच जीतते हैं तो आपको खुशी होती है। हमारा काम अपना सर्वश्रेष्ठ देना है। 2013 में जब हम दक्षिण अफ्रीका गए थे, तो वहां हम काफी उत्साहित थे। हमने वहां जोहानिसबर्ग में एक टेस्ट जीता था। हमारा गेंदबाजी अटैक बहुत अनुभवी था। हमारे पास वहां के हालात में ढलने के लिए वहां काफी दिन होंगे। हम लोग ज्यादा इस पर ध्यान देते हैं कि ज्यादा देर तक अभ्यास करे। हम कई बार दिन में तीन-तीन अभ्यास सत्र करते हैं ताकि टेस्ट जैसे हालातों में ढल सके। इससे समझ आता है कि किस सेशन में मौसम या हालात किस तरह के रहेंगे।
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